रजत भट्ट: धार्मिक पुस्तकों के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली गीता प्रेस ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हाल ही में गीता प्रेस ने आर्ट पेपर पर ‘गीता प्रबोधनी’ पुस्तक का सचित्र संस्करण तैयार किया है, जिसे बाजार में उपलब्ध करा दिया गया है. गीता प्रेस की अधिकांश शाखाओं में यह पुस्तक भेजी जा चुकी है और जल्द ही इसे नेपाल में भी भेजने की तैयारी की जा रही है.
344 पृष्ठों की इस पुस्तक की कीमत 350 रुपये रखी गई है. पुस्तक में विशेषता यह है कि प्रत्येक संस्कृत श्लोक के साथ संबंधित चित्र चार रंगों में प्रस्तुत किए गए हैं, जो श्लोक के अर्थ को और अधिक स्पष्ट करते हैं. यह हिंदी अनुवाद के साथ उपलब्ध है, जिससे पाठकों को इसे समझने में आसानी होगी. अभी इस सचित्र ‘गीता प्रबोधनी’ की 5000 प्रतियां छापी गई हैं और इसे आगे अन्य भाषाओं में भी प्रकाशित करने की योजना बनाई जा रही है.
गीता प्रेस प्रबंधन ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में अन्य धार्मिक पुस्तकों को भी इसी तरह चित्रमय किया जा सकता है. गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल बताते हैं कि आर्ट पेपर पर छपी यह सचित्र पुस्तक न केवल धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन में एक नया मील का पत्थर साबित हो रही है, बल्कि इसकी उच्च गुणवत्ता ने पाठकों को भी प्रभावित किया है. गीता प्रेस की इस पहल ने धार्मिक साहित्य को और अधिक सजीव और आकर्षक बना दिया है. जिससे इसकी मांग और लोकप्रियता बढ़ने की संभावना है.
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