पीलीभीत : आजकल बहराइच में लगातार हो रहे भेड़िए के हमलों को बदले से जोड़कर भी देखा जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि भेड़िए अपने वास स्थल छीनने का बदला इंसानों से ले रहे हैं. अन्य तमाम जानवरो के साथ बदला लेने से जुड़ी सबसे अधिक भ्रांति किसी जीव को लेकर हैं तो वो हैं सांप. सांपों को लेकर मान्यता है कि नाग की मौत का बदला नागिन ज़रूर लेती है. किवदंती है कि नागिन इंसान का फोटो दिमाग में रख कर बदला लेती है. इस दावे की क्या कुछ सच्चाई है इसको लेकर लोकल 18 टीम ने वाइल्ड लाइफ़ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया में बतौर बायोलॉजिस्ट अपनी सेवाएं दे चुकी स्वतंत्र शोधकर्ता प्रांजलि भुजबल से ख़ास बातचीत की है.
प्रांजलि बताती है कि भारत में तमाम प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं. क्योंकि सांप को लेकर देश भर में अपनी अपनी अलग धार्मिक मान्यताएं हैं तो ऐसे में कुछ ऐसी बातें भी सांपों को लेकर प्रचलित है जो सच नहीं है. ऐसा माना जाता है कि सांप एक दूसरे की मौत का बदला लेते हैं. यह विज्ञान के लिहाज़ से ठीक साबित नहीं होता. अब तक सांपों पर हुए शोध में यह सामने आया है कि सांपों की याददाश्त लगभग न के बराबर होती है तो ऐसे में बदला लेना या ऐसी कोई बात भी निराधार है.
अज्ञानता के कारण प्रचलित हुई कहानियां
प्रांजलि बताती है कि कई सांप ऐसे होते हैं जो देखने में हुबहू एक दूसरे के जैसे लगते हैं. ऐसा संभव है कि इतिहास में कभी कोई हादसे हुए होंगे जिन के बाद यह कहानियां प्रचलित हो गई. लोगों को सांपों से जुड़ी ही नहीं बल्कि किसी भी वन्यजीव से जुड़ी कहानियों पर आं ख बंद कर विश्वास नहीं करना चाहिए. हर चीज़ के वैज्ञानिक पहलू पर भी ग़ौर करना चाहिए.
अंधविश्वास से करें परहेज
प्रांजलि भुजबल का कहना है कि लोगों को सर्पदंश के मामले में इस्तेमाल किए जाने वाले अंधविश्वासों से भी बचना चाहिए. व्यक्ति को सर्पदंश होने के बाद जल्द से जल्द नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए.
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