———–

  • Hindi News
  • National
  • New Criminal Laws Comes Into Effect | First FIR Registered Delhi Madhya Pradesh
नई दिल्ली3 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

दिल्ली में तुगलक रोड थाने के बाहर नए आपराधिक कानूनों के बारे में पोस्टर लगाए गए।

देश में अंग्रेजों के जमाने से चल रहे कानूनों की जगह 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से लागू हो गए हैं। इन्हें IPC (1860), CrPC (1973) और एविडेंस एक्ट (1872) की जगह लाया गया है। नए कानून लागू होने से पहले देशभर के थानों में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए कानूनों के बारे में पोस्टर लगाए गए हैं।

भारतीय न्याय संहिता-2023 (BNS) की धारा 296 के तहत पहली FIR भोपाल के हनुमानगंज थाने में रात 12:05 बजे दर्ज की गई। इसके अलावा दिल्ली में भी कमला मार्केट थाने में BNS की धारा 285 के तहत एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

नए क्रिमिनल कानूनों में महिलाओं, बच्चों और जानवरों से जुड़ी हिंसा के कानूनों को सख्त किया गया है।जीरो FIR, ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने, SMS या ईमेल से समन भेजने और जघन्य अपराध की वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान अनिवार्य किए गए हैं।

गौरतलब है कि IPC-इंडियन पीनल कोड में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं ही हैं। आपराधिक कानून में बदलाव के साथ ही इसकी धाराओं का नंबर भी बदला गया है।

ये हैं सबसे बड़े बदलाव

  • ​​​​​​नए कानूनों के अनुसार आपराधिक मामलों में फैसला सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों के अंदर आना चाहिए और पहली सुनवाई के 60 दिनों अंदर आरोप तय किए जाने चाहिए।
  • बलात्कार पीड़ितों का बयान एक महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी। इन केसों में मेडिकल रिपोर्ट 7 दिनों के अंदर आनी चाहिए।
  • ऑर्गनाइज्ड क्राइम और आतंकवाद को परिभाषित किया गया है। राजद्रोह की जगह देशद्रोह लिखा-पढ़ा जाएगा। सभी तलाशी और जब्ती की वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी होगी।

8 राज्यों में कानूनों के लागू होने से पहले की तैयारी क्या…

  • मध्यप्रदेश: सभी पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। लेकिन राज्य के सभी 27 हजार आईओ को टैबलेट-फोन (हार्डवेयर) अभी नहीं दिया गया है। महिला आईओ की फिलहाल पर्याप्त संख्या नहीं।
  • छत्तीसगढ़: सभी पुलिस अफसरों, एसडीएम और निगम के अफसरों को 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई। लेकिन जीरो एफआईआर के प्रावधान को पूरा करने के लिए थानों में पर्याप्त स्टाफ अभी नहीं है।
  • राजस्थान: फील्ड में तैनात आईओ-वरिष्ठ अफसरों को ट्रेनिंग, पीएचक्यू, आरएसी, विजिलेंस और इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग देनी बाकी है। एफएसएल की अनिवार्यता के लिए संसाधनों का अभाव है।
  • झारखंड: वरिष्ठ-कनिष्ठ स्तर के अफसरों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। टेक्नीकल ट्रेनिंग अभी बाकी है। इसमें नए कानूनों, इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के प्रावधान शामिल हैं। इसके लिए कमेटियां बना दी गई हैं।
  • हिमाचल प्रदेश: ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम पर काम चल रहा है। पहाड़ी राज्य होने के क​ारण ऑनलाइन एफआईआर के लिए इंटरनेट इंफ्रा बढ़ाना होगा। 1200 पुलिसकर्मियों की भर्ती बाकी है।
  • पंजाब: नए कानूनों को लागू करने के लिए क्राइम विंग के डीजीपी को विशेष जिम्मेदारी तय की गई है। नए कानूनों के लिए लाॅ अफसरों को लगाया गया है। 422 थानों को कंप्यूटराइज्ड किया गया है।
  • बिहार: 1300 थानों में नए कानूनों का सॉफ्टवेयर अपलोड, हैंडबुक भी दी। 25 हजार पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है। हर थाने में फोरेंसिक टीम, एसपी रोज एक घंटे पीड़ितों से संवाद करेंगे।
  • महाराष्ट्र: सभी रैंक के 90 फीसदी पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। गाइडेंस के लिए 74 वीडियो जारी किए जा चुके हैं। तीनों नए कानूनों का मराठी अनुवाद सभी पुलिसकर्मियों को दिया गया है।

ये खबर भी पढ़ें…

नए क्रिमिनल कानूनों को जानिए- शादीशुदा महिला को फुसलाने पर जेल, मर्डर पर 302 नहीं, धारा 101 लगेगी

1 जुलाई से देशभर में तीन नए क्रिमिनल कानून लागू होने से ये बदलाव हुए हैं। अब मर्डर करने पर धारा 302 नहीं, 101 लगेगी। धोखाधड़ी के लिए फेमस धारा 420 अब 318 हो गई है। रेप की धारा 375 नहीं, अब 63 है। शादीशुदा महिला को फुसलाना अब अपराध है, जबकि जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध अब अपराध की कैटेगरी में नहीं आएगा। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||