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उत्तर रेलवे के झांसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार मंडल के रेलवे ट्रैक पर TWS (थिक वेब स्विच) प्वाइंट मशीन लगाने का कार्य चल रहा है. ये उपकरण पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं, अभी तक उसमें परंपरागत स्विच का प्रयोग होता रहा है, लेकिन अब थिक वैब स्विच के माध्यम से यह काम होगा.
ये होगा फायदा
थिक वैब स्विच के लगने पर ट्रेनों की स्पीड के साथ सुरक्षा और संरक्षा बढ़ेगी. इसका मुख्य उद्देश्य ट्रेनों को 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक ले जाना है, जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाया जा सकेगा. इस तरह भविष्य में यात्रा में समय की बचत होगी. इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनों की गति 30 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी. इस नई तकनीकी के प्रयोग से ट्रेन के ट्रैक बदलते समय कंपन या स्टके भी कम लगेंगे.
ट्रैक की लाइफ भी बढ़ेगी
थिक वैब स्विच से ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ाता है. इसके अलावा इससे टर्न आउट (ट्रैक बदलने के दौरान) संबंधित फेलियर न के बराबर होते हैं. साथ ही इस पर मेंटीनेंस खर्च परंपरागत की तुलना में कम आता है.
यहां हो चुका है काम
झांसी मंडल के टर्न आउट लोकेशन और रेल यार्ड में लगाए थिक वैब स्विच लगाए जा चुके हैं. मौजूदा वित्तीय वर्ष में मई 2024 तक 76 थिक वैब स्विच लगाए जा चुके हैं.
Tags: Indian railway, Indian Railway news
FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 12:12 IST
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