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31 मिनट पहले

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झारखंड के हजारीबाग से NEET पेपर लीक का कनेक्शन सामने आया है। ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉक्टर एहसान उल हक और एक कर्मचारी को CBI ने पूछताछ के बाद 27 जून की सुबह रिहा कर दिया।

दरअसल, 26 जून की शाम CBI ओएसिस स्कूल में पूछताछ करने पहुंची थी। CBI ने 11 हजारीबाग जिले के चरही शहर में आरोपियों से सीसीएल गेस्ट हाउस में पूछताछ की।

वहीं, पटना के स्पेशल कोर्ट ने CBI की मांग पर दोआरोपियों को रिमांड पर भेज दिया है। आरोपी बलदेव कुमार उर्फ ​​चिंटू और मुकेश कुमार तीन दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। अभी पटना में 18 आरोपियों को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है।

बिहार पुलिस की जांच के मुताबिक, चिंटू ने ही पेपर की फोटकॉपी कराके 30 स्टूडेंट्स को दिए थे। साथ ही साथ किराए के कमरे में सवालों के जवाब याद कराए थे।

इससे पहले, कोलकाता में NEET UG एग्जाम में मेरिट लिस्ट में पैसों के बदले किसी कैंडिडेट का नाम जोड़ने का मामला सामने आया था। आरोपी ने स्टूडेंट के पेरेंट्स से मेरिट लिस्ट में नाम जोड़ने और कॉलेज में मेडिकल सीट देने के लिए 5 से 12 लाख रुपए तक की रकम वसूली है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने आरोपी को 25 जून को गिरफ्तार किया था।

हजारीबाग में बैंक ले जाते समय टूटी क्वेश्चन पेपर की चेन ऑफ कस्टडी
NEET पेपर लीक मामले में CBI की जांच जारी है। बिहार EOU की रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के हजारीबाग में क्वेश्चन पेपर के बॉक्स के रखरखाव और रिसीविंग में लापरवाही हुई है।

क्वेश्चन पेपर्स को 3 मई को NTA ने अपने अधिकारी की मौजूदगी में दिल्ली से रांची फ्लाइट के जरिए भेजा। रांची एयरपोर्ट पर NTA कर्मचारी ने क्वेश्चन पेपर्स वाले बॉक्स को कूरियर कंपनी को सौंपा। यहां से कंपनी के ट्रक में इन बॉक्सों को कूरियर ऑफिस ले जाया गया।

ट्रक से उतारे गए इन बॉक्सों को कंपनी के ऑफिस के बाहर ही रखा छोड़ा गया था। इसके बाद ई-रिक्शा के जरिए इन क्वेश्चन पेपर्स वाले बॉक्स को SBI की ब्रांच भेजा गया। इस दौरान बॉक्स की सुरक्षा के लिए किसी को भेजा भी नहीं गया था। अब अंदेशा यह है कि कुरियर कंपनी के ऑफिस से बैंक के रास्ते में इन बॉक्स के साथ छेड़छाड़ की गई।

बिहार EOU की जांच की रिपोर्ट के मुताबिक, पेपर लीक कराने में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल, ऑब्जर्वर और सेंटर इनचार्ज की भूमिका हो सकती है। क्योंकि स्कूल में जब क्वेश्चन पेपर्स वाले बॉक्स पहुंचे तो वे ऑटोमैटिकली ओपन नहीं हुए और जिस बैग में बॉक्स था, वो भी नीचे से फटा हुआ था।

इसके बाद बॉक्स को खोलने के लिए कटर का इस्तेमाल किया गया और क्वेश्चन पेपर्स लीक कर दिया गए।

NEET परीक्षा पर स्‍टूडेंट्स ने कीं 2 बड़ी शिकायतें
अब तक NEET UG एग्जाम में खास तौर पर दो गड़बड़ियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं।

  • पहली शिकायत : परीक्षा में कई स्‍टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्‍स दिए गए जिसकी वजह से 67 स्‍टूडेंट्स AIR 1 के साथ टॉपर बन गए।
  • दूसरी शिकायत : पेपर लीक होने के आरोप के साथ पेपर कैंसिल कर रीएग्जाम की मांग की गई।

NTA ने रीएग्जाम कराया, पेपर लीक की जांच CBI को सौंपी
एग्जाम में गड़बड़ियों को लेकर देशभर में प्रदर्शन के बाद NTA ने 8 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। NTA ने बताया कि देश के 6 सेंटर्स पर स्टूडेंट्स को एग्जाम हॉल में कम समय मिला था इसलिए कुल 1563 कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए। हालांकि, NTA ने ये नहीं बताया कि ये मार्क्स किस आधार पर दिए गए।

इन स्टूडेंट्स के लिए 23 जून को रीएग्जाम कंडक्ट किया गया। एग्जाम में सिर्फ 813 कैंडिडेट्स शामिल हुए जबकि 750 ने एग्जाम नहीं दिया। इसके साथ ही, केंद्र सरकार ने NEET पेपर लीक मामले की जांच CBI को सौंप दी है।

20 हजार स्‍टूडेंट्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगा फैसला
देशभर में NEET UG 2024 में गड़बड़ियों को लेकर अलग-अलग राज्यों में लगभग 20 हजार स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। NTA ने 14 जून को देश के 7 अलग-अलग हाईकोर्ट में लगी याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किए जाने की मांग की थी।

कोर्ट ने 20 जून को राजस्थान, बॉम्बे और कलकत्ता हाईकोर्ट में NEET मामले में लगी याचिकाओं को क्लब कर दिया। अब इन सभी मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी।

NTA में सुधार के लिए 7 सदस्‍यों की कमेटी कर रही है विचार
कमेटी के चेयरमैन और ISRO के पूर्व चेयरमैन डॉक्टर के राधाकृष्णनन ने 25 जून को कहा कि कमेटी में सुधार के लिए पेरेंट्स और स्टूडेंट्स से भी चर्चा की जाएगी। इसके बाद ही एग्जाम कंडक्ट करने के लिए फूलप्रूफ और ट्रांसपेरेंट सिस्टम बनाया जाएगा।

अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए होता है NEET एग्‍जाम
NEET UG यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्‍ट, अंडरग्रेजुएट राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है। NEET परीक्षा मेडिकल और डेंटल कोर्सेज में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है। इस साल लगभग 24 लाख स्टूडेंट्स ने ये एग्जाम दिया था। इसके जरिए भारत और रूस, यूक्रेन समेत कुछ अन्‍य देशों में MBBS, BDS और अन्य मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन मिलता है।

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