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डूंगरपुर में MBBS फर्स्ट ईयर के 50 से ज्यादा स्टूडेंट के साथ रैगिंग हुई। इसके बाद कई की हालत बिगड़ गई। सीनियर स्टूडेंट (MBBS सेकेंड ईयर) ने फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट को कॉलेज के पास एक पहाड़ी पर बुलाया। उनसे 300 से ज्यादा उठक- बैठक करवाई। एक लड़के की किडन

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सदर थानाधिकारी गिरधारी सिंह ने बताया- मेडिकल कॉलेज डूंगरपुर के प्रिंसिपल एस बाला मरगुनवेलू की ओर से रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। रैगिंग की ये पूरी घटना डेढ़ महीने पहले 15 मई की है। रिपोर्ट के अनुसार- मेडिकल कॉलेज में ही फर्स्ट ईयर एमबीबीएस के स्टूडेंट हर्षित खन्ना (बदला हुआ नाम) के साथ रैगिंग हुई है। सेकेंड ईयर एमबीबीएस के सीनियर स्टूडेंट देवेंद्र मीणा, अंकित यादव, रविंद्र कुलरिया, सुरजीत, विष्णेंद्र धायल, सिद्धार्थ परिहार और अमन रागेरा ने हर्षित खन्ना को कॉलेज के पास ही एक पहाड़ी पर बुलाया। इसके बाद उसकी रैगिंग करते हुए 300 से ज्यादा उठक-बैठक करवाई थी।

प्रिंसिपल ने रिपोर्ट दर्ज कराई
उसका डूंगरपुर के हॉस्पिटल में इलाज करवाया गया, लेकिन कोई आराम नहीं हुआ। परिवार वाले उसे गुजरात के एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए। जांच में हर्षित की किडनी और लीवर पर असर होना बताया। इसके बाद उसकी 4 बार डायलिसिस करनी पड़ी। कॉलेज प्रिंसिपल ने रैगिंग लेने वाले सभी 7 स्टूडेंट को सस्पेंड कर दिया है। प्रिंसिपल की रिपोर्ट पर सदर थाना पुलिस ने 7 स्टूडेंट के खिलाफ रैगिंग का केस दर्ज कर लिया है। सदर थानाधिकारी गिरधारी सिंह मामले की जांच कर रहे हैं।

40 सीनियर स्टूडेंट ने ली रैगिंग
पीड़ित स्टूडेंट हर्षित खन्ना ने बताया- मेरे साथ फर्स्ट ईयर के 50 से ज्यादा स्टूडेंट थे। इन लड़कों साथ भी रैगिंग हुई है। सेकेंड ईयर के 40 सीनियर स्टूडेंट ने सभी जूनियर स्टूडेंट से उठक-बैठक करवाई। मेरे साथ् 3 से 4 दूसरे स्टूडेंट की तबीयत बिगड़ गई थी। इसमें से एक लड़के को भर्ती भी करवाया गया था। मैंने आरोपी स्टूडेंट के खिलाफ 20 जून को एंटी रैगिंग कमेटी को रिपोर्ट दी थी। कमेटी ने तुरंत एक्शन लेते हुए 25 जून तक जांच पूरी कर ली। कॉलेज प्रशासन ने 25 जून को केस दर्ज करवाया है।

20 जून को मेल पर भेजी शिकायत
पीड़ित स्टूडेंट हर्षित खन्ना ने बताया- रैगिंग के बाद मेरी तबीयत बिगड़ गई। पहले तो मैंने डूंगरपुर के ही डॉक्टरों को दिखाया और दवाएं खाईं। पर आराम नहीं हुआ। इसके बाद गुजरात के हॉस्पिटल में दिखाया। 25 से 30 मई तक गुजरात के हॉस्पिटल में भर्ती रहा। इसके बाद घर आया। तबीयत में ज्यादा सुधार नहीं थी। इसलिए कॉलेज नहीं गया। 6 जून को मैं अपने पिता के साथ जैसे-तैसे कॉलेज गया। रैगिंग के डर की वजह से मैंने रिपोर्ट नहीं दी। 10 जून को प्री-एग्जाम की वजह से रिपोर्ट नहीं दी। इसके बाद हिम्मत जुटाकर 20 जून को मेल पर एंटी रैगिंग कमेटी ओर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को शिकायत भेजी।

प्रिंसिपल ने लिया एक्शन
मामले में प्रिंसिपल ने एक्शन लेते हुए 21 और 22 जून को बैठक के बाद रैगिंग की जांच कमेटी को मामला सौंपा। 24 जून को एंटी रैगिंग कमेटी ने प्रिंसिपल को रिपोर्ट दी। इसमें रैगिंग की पुष्टि की गई थी। 24 जून को ही पुलिस को रिपोर्ट देकर मामला दर्ज कराया गया।

पीड़ित छात्र बोला- 50 से ज्यादा के साथ रैगिंग हुई, सब डरे हुए हैं
पीड़ित छात्र हर्षित खन्ना ने कहा- वैसे रैगिंग तो 50 से अधिक स्टूडेंट के साथ हुई है। मेरे अलावा किसी और स्टूडेंट ने शिकायत नहीं की है। फर्स्ट ईयर के दूसरे स्टूडेंट इतना डरे हुए हैं कि घटना को लेकर बात करने से भी कतरा रहे हैं। वहीं सीनियर स्टूडेंट की ओर से बदला लेने का भय भी सता रहा है।

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