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27 मिनट पहले

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देश की प्रमुख भर्ती संस्था, UPSC ने चीटिंग को रोकने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन यानी चेहरे की पहचान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड CCTV सर्विलांस सिस्टम का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए UPSC ने 3 जून को PSUs में बिडिंग कराने या बोली लगाने के लिए टेंडर जारी की थी। आयोग ने यह निर्णय NEET UG और UGC NET एग्जाम में कथित अनियमितताओं के मद्देनजर लिया है।

स्वतंत्र और निष्पक्ष एग्जाम के लिए लेटेस्ट डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
3 जून, 2024 को जारी टेंडर में कहा गया है, “UPSC अपनी परीक्षाओं को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित करने पर बहुत महत्व देता है। इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आयोग, कैंडिडेट्स के बायोमेट्रिक डिटेल्स को क्रॉस-चेक करने और एग्जाम के दौरान चीटिंग को रोकने के लिए कैंडिडेट्स की एक्टिविटीज की मॉनिटरिंग करना चाहता है। इसके लिए UPSC लेटेस्ट डिजिटल टेक्नोलॉजी की जरूरत है।”

UPSC ने एग्जाम के दौरान टेक्निकल सॉल्यूशन प्रोवाइड करने के लिए PSUs में बिडिंग कराने के लिए टेंडर जारी की थी। इसमें 4 चीजें शामिल हैं –

  • आधार बेस्ड फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन
  • फेशियल रिकॉग्निशन
  • ई-एडमिट कार्ड का QR कोड स्कैनिंग
  • लाइव AI बेस्ड CCTV सर्विलांससर्विस

UPSC ग्रुप A और B क्लास ऑफिसर की भर्ती का एग्जाम कराती है
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) एक संवैधानिक निकाय है, जो 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है। इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिष्ठित सिविल सर्विस एग्जाम भी शामिल हैं।

इसके अलावा, केंद्र सरकार के ग्रुप ‘A’ और ग्रुप ‘B’ पदों पर भर्ती के लिए हर साल कई भर्ती परीक्षाएं और इंटरव्यू भी आयोजित करता है।

UPSC देश के प्रमुख शहरों में होते हैं, जिसके लिए लगभग 80 सेंटर्स बनाए जाते हैं। इसमें तकरीबन 26 लाख कैंडिडेट्स शामिल होते हैं।

UPSC देश के प्रमुख शहरों में होते हैं, जिसके लिए लगभग 80 सेंटर्स बनाए जाते हैं। इसमें तकरीबन 26 लाख कैंडिडेट्स शामिल होते हैं।

रीयल टाइम अटेंडेंस मॉनिटरिंग सिस्टम होना चाहिए
इसमें कहा गया है, “सुरक्षित वेब सर्वर के जरिए रीयल टाइम अटेंडेंस मॉनिटरिंग सिस्टम की व्यवस्था होनी चाहिए। सिस्टम में एनरोलमेंट एक्टिविटी की रियल टाइम मॉनिटरिंग के साथ-साथ हर एक एनरोलमेंट और टाइम स्टाम्प के लिए GPS का प्रावधान होना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि एनरोलमेंट निर्धारित शिफ्ट के दौरान किया गया है।”

दो इमेजेज से होगा फेशियल रिकॉग्निशन
आयोग ने कहा कि फेशियल रिकॉग्निशन यानी चेहरे की पहचान दो इमेजेज से की जानी चाहिए – एक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान प्रोवाइड की गई और दूसरी एग्जाम के दिन ली गई इमेज।

लाइव CCTV के वीडियो की मॉनिटरिंग होगी
UPSC ने कहा है, कि देश भर के एग्जाम सेंटर्स पर एग्जाम के दौरान कैंडिडेट्स और अन्य तैनात व्यक्तियों की विभिन्न एक्टिविटीज पर नजर रखने के लिए रिकॉर्डिंग और लाइव ब्रॉडकास्ट सिस्टम के साथ CCTV के वीडियो की मॉनिटरिंग करने का निर्णय लिया गया है।

हर 24 कैंडिडेट्स के लिए एक CCTV होगा
UPSC ने कहा कि सर्विस प्रोवाइडर को हर एक एग्जाम हॉल या कमरे में प्रत्येक 24 कैंडिडेट्स के लिए एक CCTV कैमरा लगाना होगा। अगर कमरे में कैंडिडेट्स की संख्या 24 से कम होगी तब भी कम से कम 1 सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा।

यह सुनिश्चित करना है कि CCTV कैमरा और कैंडिडेट्स का अनुपात 1:24 से कम न हो और कोई भी ब्लाइंड स्पॉट न हो।

इसके अलावा, एंट्री-एग्जिट गेट और कंट्रोल रूम भी CCTV से लैश होगा। कंट्रोल रूम में एग्जाम से पहले वाले सेंसिटिव मटेरियल रखे गए जाएंगे और उन्हें कैमरे के निगरानी में खोला व पैक किया जाएगा।

हलचल होने पर अलर्ट उत्पन्न करने में सक्षम होना चाहिए
UPSC ने कहा है कि AI बेस्ड वीडियो सिस्टम को परीक्षा के दौरान एंट्री या एग्जिट गेट पर हलचल होने पर और एग्जाम हॉल के भीतर फर्नीचर ठीक से व्यवस्थित नहीं होने पर अलर्ट उत्पन्न करने में सक्षम होना चाहिए।

इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि AI को उन घटनाओं पर रेड फ्लैग उठाना चाहिए जो चीटिंग, अनुचित साधनों के उपयोग, निरीक्षकों की अनुपस्थिति आदि का संकेत देती हों।

7 जुलाई तक चलेगी बिडिंग
बिड डॉक्यूमेंट के क्लोजर की आखिरी तारीख 7 जुलाई, दोपहर 1 बजे है। बिड उसी दिन दोपहर 1.30 बजे खोली जाएगी।

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