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ये तस्वीर एक पब के CCTV फुटेज की है। हादसे से पहले नाबालिग ने अपने दोस्तों के साथ शराब पी और कार लेकर निकल गया।
पुणे पोर्श एक्सीडेंट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी नाबालिग को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि नाबालिग को तुरंत बाल सुधार गृह से रिहा किया जाए। आरोपी को 22 मई को बाल सुधार गृह भेजा गया था।
नाबालिब आरोपी ने 18-19 मई की रात पुणे के कल्याणी नगर इलाके में IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई। घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पोर्श स्पोर्ट्स कार चला रहा था।
हाईकोर्ट ने कहा- आरोपी की उम्र 18 साल से कम, उसे ध्यान में रखना जरूरी
जस्टिस भारती डांगरे और मंजुशा देशपांडे ने आरोपी को ऑब्जर्वेशन होम भेजने केजुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आदेश को रद्द कर दिया। जजों ने कहा कि हम नाबालिग की आंटी की तरफ से दाखिल याचिका को स्वीकार रकते हुए उसे रिहा करने का आदेश देते हैं। CCL यानी चाइल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विद लॉ (इस केस में आरोपी नाबालिग) को याचिकाकर्ता (आरोपी की आंटी) की कस्टडी में रखा जाएगा।
बेंच ने यह भी नोट किया कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड का आदेश अवैध था और बिना जुरिस्डिक्शन के जारी किया गया था। एक्सीडेंट को लेकर रिएक्शन और लोगों के गुस्से के बीच आरोपी नाबालिग की उम्र पर ध्यान नहीं दिया गया। CCL 18 साल से कम उम्र का है, उसकी उम्र को ध्यान में रखना जरूरी है।
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