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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे से सबक लेते हुए रेलवे का पूरा महकमा सतर्क हो गया है। संरक्षा और सुरक्षा को लेकर रेलवे अधिकारियों को विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही यात्रियों की सुविधा में किसी तरह की कोताही नहीं करने और खान-पान की गुणवत्ता को और बेहतर करने को कहा गया है। खासतौर पर सफाई और पानी की सुविधाओं की संख्या मौजूदा संख्या से दोगुनी करने की योजना तैयार कर अंजाम तक पहुंचाने का निर्देश रेलवे मंत्रालय ने दिया है। सफाई और पानी के लिए आवश्यक समय को समयसारिणी में शामिल किया जाएगा इस बाबत केंद्रीय रेल मंत्री ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों, महाप्रबंधकों और मंडल प्रबंधकों के साथ बैठक भी किए। जहां सुरक्षा व यात्री सुविधाओं में सुधार की समीक्षा की गई।

उपकरणों के रखरखाव की होगी समीक्षा

बैठक में सुरक्षा संबंधी उपकरणों की विश्वसनीयता में सुधार करने के लिए सभी प्रमुख सुरक्षा संबंधी उपकरणों की विशिष्टताओं, उन्हें लगाने की प्रकिया और उनके रखरखाव की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया। रेल मंत्री ने निर्देशित किया कि यह कार्य अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन संगठन (आरडीएसओ) सभी निर्माताओं के साथ आयोजित कार्यशालाओं में किया जाएगा।

शुद्ध खाने के लिए 100 बेस किचेन बनेगा

खाने की गुणवत्ता सुधारने के लिए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) और उसकी एजेंसियां बेस किचेन तैयार करेंगी। दिल्ली समेत एनसीआर और अन्य राज्यों के स्टेशन के समीप 100 जगहों पर इस तरह का किचेन तैयार होगा। तय किया गया है कि अगले चार महीने में इसे युद्धस्तर पर पूरा कर लिया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को गर्म और शुद्ध खाना मिलेगा।

ट्रेन की सफाई

बैठक में पेंट्री कारों और भंडारण क्षेत्रों की मिशन मोड में गहन सफाई करने का निर्देश दिया गया। इसके रखरखाव के लिए शेड्यूल बनाया जाएगा ताकि यह कार्य नियमित आधार पर किया जा सके। अमूमन होता यह है कि निर्देश तो जारी होता है, लेकिन यह कुछ दिनों के बाद ही सामान्य हो जाता है।

स्टेशनों पर सफाई और पानी की सुविधा

यात्रा के दौरान ट्रेनों में पानी की उपलब्धता और सफाई को बेहतर बनाने के लिए रेल मंत्रालय ने यह निर्णय लिया गया कि अगले दो वर्षों में सफाई और पानी की सुविधाओं की संख्या मौजूदा संख्या से दोगुनी कर दी जाएगी। सफाई और पानी के लिए आवश्यक समय को समयसारिणी में शामिल किया जाएगा ताकि इस महत्वपूर्ण गतिविधि की उपेक्षा न हो। यह निर्णय लिया गया कि रेलवे नेटवर्क में समयसारिणी को समायोजित किया जाएगा।

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