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नई दिल्ली7 मिनट पहले

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डॉक्टरों ने आतिशी को खाने-पीने का कहा है, लेकिन आतिशी ने इससे इनकार किया है। उनकी तबीयत अब बिगड़ने लगी है।

दिल्ली जल संकट को लेकर राजधानी के भोगल इलाके में 21 जून से अनशन पर बैठीं दिल्ली की जल मंत्री आतिशी मार्लेना की तबीयत बिगड़ना शुरू हो गई है। आज उनके अनशन का 4 दिन है। LNJP अस्पताल के ​डॉक्टरों ने जांच के बाद आतिशी को अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है। हालांकि, आतिशी ने एडमिट होने से इनकार कर दिया।

आतिशी ने कहा “मेरा ब्लड प्रेशन और शुगर लेवल गिर रहा है। मेरा वजन भी कम हो गया है। कीटोन लेवल बहुत अधिक है, जो लंबे समय में हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। चाहे मेरे शरीर को कितना भी कष्ट क्यों न हो, मैं तब तक अनशन जारी रखूंगी, जब तक हरियाणा पानी नहीं छोड़ता।”

आतिशी हरियाणा से 100 mgd (46 करोड़ लीटर से ज्यादा पानी) ज्यादा पानी दिए जाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठी हैं। उनका दावा है कि हरियाणा से 613 mgd हररोज भेजा जाता है। लेकिन बीते 3 हफ्ते से केवल 513 mgd पानी भेजा जा रहा है। 100 mgd पानी कम होने के कारण दिल्ली के 28 लाख लोगों को पानी की कमी हो रही है।

वहीं, 23 जून को AAP नेताओं ने दिल्ली LG वीके सक्सेना से मुलाकात की थी। LG ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आश्वासन दिया है कि वह इस बात पर विचार करेंगे कि उनका राज्य शहर को अतिरिक्त पानी दे सकता है या नहीं।

दिल्ली के जंगपुरा इलाके के भोगल में 21 जून से आतिशी अनिश्चिकालीन अनशन पर बैठी हैं।

दिल्ली के जंगपुरा इलाके के भोगल में 21 जून से आतिशी अनिश्चिकालीन अनशन पर बैठी हैं।

4 दिन में 2 किलो से ज्यादा घटा आतिशी का वजन
वहीं, AAP नेताओं ने कहा कि आतिशी का वजन लगातार कम हो रहा है। 21 जून को भूख हड़ताल पर बैठने से पहले उनका वजन 65.8 KG था, जो भूख हड़ताल के चौथे दिन घटकर 63.6 KG रह गया है। यानी महज 4 दिनों में उनका वजन 2.2 किलोग्राम कम हुआ है।

AAP ने कहा कि भूख हड़ताल के पहले दिन की तुलना में चौथे दिन उनका ब्लड शुगर लेवल 28 यूनिट कम हुआ है। इसके साथ ही उनका ब्लड प्रेशर लेवल भी कम हुआ है। डॉक्टरों ने आतिशी के ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और वजन में जिस गति से कमी आई है, उसे खतरनाक बताया है।

पार्टी नेताओं ने कहा कि आतिशी का कीटोन लेवल बढ़ रहा है। जो उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। AAP ने कहा कि डॉक्टरों ने आतिशी को उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है, लेकिन वे (आतिशी) अपनी जान जोखिम में डालकर दिल्ली के पानी के हक के लिए लड़ रही हैं।

डॉक्टरों की रिपोर्ट में कहा गया है मरीज (आतिशी) को अस्पताल में भर्ती होने और खाना खाने के लिए कहा गया, लेकिन उसने इनकार किया है। वहीं, आज AAP ने पीएम मोदी को लेटर भेजा। इसमें पीएम को दिल्ली की जल समस्या से अवगत कराया और समस्या का समाधान कराने की मांग की है।

तस्वीर 21 जून की है। आतिशी ने अपने अनशन को पानी सत्याग्रह कहा था।

तस्वीर 21 जून की है। आतिशी ने अपने अनशन को पानी सत्याग्रह कहा था।

सुनीत केजरीवाल ने कहा था- उम्मीद है आतिशी की तपस्या सफल होगी
अनशन बैठने के बाद दिल्ली CM केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने कहा था कि हरियाणा सरकार से अपील करने के लिए दिल्ली की मंत्री आतिशी अनिश्चितकालीन समय के लिए सत्याग्रह करने जा रही हैं। वह कुछ भी नहीं खाएंगी, केवल पानी पिएंगी। वह दिल्ली के प्यासे लोगों के लिए ऐसा कर रही हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के लोगों की पीड़ा को टीवी पर देखकर उन्हें बहुत दुख होता है। उन्हें उम्मीद है कि आतिशी की तपस्या सफल होगी और लोगों को कुछ राहत मिलेगी। सुनीता बोलीं- केजरीवाल जी का कहना है कि प्यासे को पानी पिलाना तो हमारे कल्चर में है।

उन्होंने आगे कहा था कि दिल्ली को पानी पड़ोसी राज्यों से मिलता है। इस हीटवेव में हमने चाहा था कि पड़ोसी राज्य हमें सपोर्ट करेंगे, लेकिन हरियाणा ने ऐसा नहीं किया। हालांकि, दोनों राज्यों में अलग-अलग पार्टियों की सरकार है, लेकिन क्या यह समय राजनीति करने का है।

सुप्रीम कोर्ट AAP सरकार को फटकार लगाई थी

  • सुप्रीम कोर्ट में 12 जून को दिल्ली जल संकट को लेकर सुनवाई की थी। कोर्ट ने दिल्ली की AAP सरकार को पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को न रोकने को लेकर फटकार लगाई थी। दिल्ली सरकार से कहा कि जल संकट गहराते जा रहा है, आपने अब तक टैंकर माफिया को लेकर क्या एक्शन लिया है। अगर आप एक्शन नहीं ले सकते तो हम दिल्ली पुलिस से कहेंगे कि वो कार्रवाई करे।
  • 13 जून को हुई सुनवाई में हिमाचल ने दिल्ली को पानी देने से कोर्ट में इनकार किया था। 12 जून को राज्य ने इसके लिए हामी भरी थी। हिमाचल प्रदेश ने कोर्ट को बताया कि हमारे पास दिल्ली को देने के लिए 136 क्यूसेक पानी नहीं है। 12 जून को हिमाचल ने कहा था कि हमारी तरफ से पानी छोड़ा गया है।

दिल्ली में जल संकट क्यों हुआ?
दिल्ली में जल संकट के दो कारण हैं- गर्मी और पड़ोसी राज्यों पर निर्भरता। दिल्ली के पास अपना कोई जल स्रोत नहीं है। पानी के लिए यह पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, इस साल दिल्ली 32.1 करोड़ गैलन प्रतिदिन पानी की कमी से जूझ रही है।

दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, राज्य को रोजाना 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है। हालांकि गर्मियों में केवल 96.9 करोड़ गैलन प्रतिदिन मांग ही पूरी हो पा रही है। यानी दिल्ली की 2.30 करोड़ आबादी को हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी चाहिए, लेकिन उसे सिर्फ 96.9 करोड़ गैलन पानी ही मिल रहा है।

दिल्ली को पानी यूपी-पंजाब से भी मिलता है
दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल बांध के पानी से पूरी करती है। 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली को हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल (रावी-व्यास नदी) से 22.1 करोड़ गैलन पानी मिलता था।

इसके अलावा कुएं, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता था। यानी दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था। 2024 के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 96.9 करोड़ गैलन हो गया।

जेल जाने से पहले केजरीवाल ने भी अपील की थी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरेंडर करने से पहले पानी की कमी से जूझ रही दिल्ली की जनता के लिए भाजपा से अपील की थी। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि BJP हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपनी सरकारों से दिल्ली को एक महीने के लिए पानी देने के लिए कहे।

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