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मरीज और डॉक्टर
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वायरल इंफेक्शन के बाद सुनने में दिक्कत आती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसमें लापरवाही सुनने की क्षमता को छीन सकती है। इस रोग को सेंसरी नर्व हियरिंग लॉस कहते है और यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। प्लेबैक सिंगर अलका याग्निक भी इसी बीमारी से पीड़ित हैं।

विशेषज्ञ बताते है कि यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है। इसमें सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती है। यदि किसी में ऐसा लक्षण दिखाई देता है तो उसे तुरंत कान, नाक व गला विभाग के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यदि मरीज 48 घंटे के बाद डॉक्टर के पास पहुंचता है, तो इलाज संभव नहीं हो पाता। 

ऐसी स्थिति में मरीज की सुनने की क्षमता खो देता है। इस रोग में मरीज के आंतरिक कान पर सीधा असर होता है जिस कारण कान के माध्यम से दिमाग तक पहुंचने वाली ध्वनि को पहचान या सुन पाना संभव नहीं हो पाता।

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज व लोक नायक अस्पताल में कान, नाक व गला विभाग के प्रोफेसर डॉ. रवि मेहर ने बताया कि यह किसी भी उम्र के मरीज को हो सकता है। अस्पताल में हर माह ऐसे दो से तीन मरीज आते हैं। ऐसे मरीजों को इंजेक्शन के माध्यम से ओरल स्टेरॉइड्स दिया जाता है। यह भी तभी लाभदायक होता है, जब मरीज 24 घंटे में अस्पताल आ जाए। ज्यादा देरी समस्या को विकराल बना देती है।

बच्चों में समस्या गंभीर

छोटे बच्चों में यदि यह समस्या होती है तो रोग गंभीर हो जाता है। छोटे बच्चे लक्षणों को बता नहीं पाते। यहीं कारण है कि ऐसे बच्चों का इलाज समय पर नहीं हो पाता। डॉक्टरों का कहना है कि छोटे बच्चों के व्यवहार में कुछ अलग महसूस करें तो जांच करवा लेना चाहिए। ऐसे बच्चे कान में दर्द या सीकी जैसी आवाज सुनाई देते पर अलग व्यवहार करते हैं। ऐसा होने पर उन्हें तुरंत अस्पताल लाना चाहिए।

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