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विजय मिश्र (उदय भूमि)
ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के दूसरे चरण के लिए विस्थापित परिवारों को बसाने एवं उनकी संपत्ति का मुआवजा देने के लिए 1296 करोड़ रुपये के बजट पर मुहर लग गई। अब यह काम तेज हो जाएगा। इसके बाद एमआरओ के लिए रनवे का काम शुरू हो सकेगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इसमें करीब 10 हजार लोगों को दूसरी जगह बसाया जाएगा। साथ ही इन परिवारों की संपत्ति का मुआवजा भी दिया जाना है। इसके लिए बजट का इंतजार था। पिछले दिनों प्रदेश कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है। इसके लिए 1296 करोड़ रुपये पास कर दिए। इसमें 37.5 प्रतिशत प्रदेश सरकार, 37.5 प्रतिशत नोएडा प्राधिकरण और 12.5-12.5 प्रतिशत ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण देगा। यहां से विस्थापित होने वाले परिवार को मॉडलपुर और फलैदा बांगर में बसाया जाना है। यहां पर कॉलोनी विकसित की जाएंगी। यहां पर सेक्टर जैसी सुविधाएं मिलेंगी। सरकार का प्रयास है कि किसानों को आदर्श सेक्टर में बसाया जाए। अब यह काम जल्द शुरू हो जाएगा। चुनाव आचार संहिता के चलते यह फैसला नहीं हो पा रहा था। अब किसानों को उनकी संपत्ति का मुआवजा भी मिल सकेगा।

अलग से बनेगा रनवे
जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के निर्माण के लिए मार्ग पूरी तरह से प्रशस्त हो गया है। इससे नोएडा एयरपोर्ट पर देश के सबसे बड़े मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग (एमआरओ) के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है। इसके लिए अलग से रनवे बनेगा। यहां एमआरओ के लिए बड़ी विदेशी कंपनी आएगी। इसके लिए तमाम कंपनियों से बात हो चुकी है।

Arunveer Singh, ceo
डॉ. अरुणवीर सिंह,
मुख्य कार्यपालक अधिकारी , यमुना प्राधिकरण

एमआरओ में आत्मनिर्भरता आएगी
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास देश का सबसे बड़ा एमआरओ हब बनाया जाएगा। यह 1365 हेक्टेयर में होगा। अभी तक देश के बड़े विमान और काफी एयरक्राफ्ट मरम्मत के लिए सिंगापुर और कोलंबो जैसे देश में जाया करते थे, लेकिन ग्रेटर नोएडा में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एमआरओ हब बनने के बाद देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। यहां पर केवल भारत के ही नहीं बल्कि विदेशी के विमानों की भी मरम्मत की जाएगी।

मील का पत्थर साबित होगी परियोजना
प्रदेश सरकार के इस निर्णय से एयरो सिटी का रास्ता भी साफ हो गया है। यह एयरो सिटी इसी के आसपास विकसित की जाएगी। इसका फायदा ना केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश को मिलेगा। इससे आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। यह परियोजना विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।




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