-25 जुलाई से 1 अगस्त तक केदारनाथ धाम में श्रीमद्भागवत साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ 7 श्री केदार सभा और मंदिर समिति ने देशभर के श्रद्धालुओं से की भावनात्मक सहभागिता की अपील
उदय भूमि संवाददाता
केदारनाथ। हिमालय की गोद में स्थित आदि गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि और भगवान शिव की महाकाल सत्ता से आलोकित श्री केदारनाथ धाम एक बार फिर भावनात्मक और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बनने जा रहा है। वर्ष 2013 में उत्तराखंड की भीषण आपदा में दिवंगत हुए हजारों तीर्थयात्रियों और स्थानीय नागरिकों की आत्मा की शांति व मोक्ष के लिए 25 जुलाई से 1 अगस्त तक श्रीमद्भागवत साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जो श्रद्धा, संवेदना और सद्भाव का अनुपम उदाहरण है। इस पुण्य आयोजन का नेतृत्व श्री केदार सभा और बद्री-केदार मंदिर समिति द्वारा किया जा रहा है। यज्ञ के मुख्य यजमान पं. राजकुमार तिवारी, श्री केदार सभा के माननीय अध्यक्ष होंगे। यज्ञ मंडप में भागवत अमृत की वर्षा करेंगे प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य स्वयंवर सेमवाल, जबकि वेदपाठ की गूंज श्री बद्री-केदार मंदिर समिति के विद्वानों द्वारा प्रतिदिन ध्वनित होगी।
मंडपाचार्य अरुण शुक्ला सहित 11 विद्वान ब्राह्मणों की टोली धार्मिक परंपरा और वैदिक विधि-विधान के साथ यज्ञ को संपन्न कराएगी। श्री केदार सभा के मीडिया प्रभारी पं. पंकज शुक्ला ने बताया कि यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक भावनात्मक श्राद्ध-यज्ञ है, जो उन असंख्य पुण्यात्माओं को समर्पित है जो 2013 की भीषण जलप्रलय में हमसे सदा के लिए बिछुड़ गए। यह आयोजन उन सबके लिए सामूहिक श्रद्धा और श्रद्धांजलि का अवसर है। सभा की ओर से देश और विदेश में बसे उन सभी श्रद्धालुओं से विशेष अपील की गई है जिन्होंने आपदा में अपने प्रियजनों को खोया कि वे उन दिवंगत आत्माओं की तस्वीरें भेजें और इस यज्ञ में आत्मिक रूप से शामिल होकर उन्हें मोक्ष की कामना के साथ श्रद्धासुमन अर्पित करें।
केदारनाथ धाम में सात दिन तक बहेंगे भक्ति और वेद की ध्वनि
श्रावण मास की पुण्यप्रद तिथि शुक्ल प्रतिपदा से लेकर अष्टमी तक केदारनाथ धाम सात दिनों तक धार्मिक अनुष्ठानों, वेदघोष, मंत्रोच्चार, भागवत कथा और भजन संकीर्तन से गूंजेगा। प्रतिदिन सुबह वेदपाठ, दोपहर में श्रीमद्भागवत कथा, शाम को दीप आरती और रात्रि में प्रभात फेरी का आयोजन किया जाएगा। श्रद्धालु प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित न हो पाने की स्थिति में ऑनलाइन माध्यमों से भी इस कथा दर्शन और यज्ञ में भागीदारी कर सकेंगे, जिसकी व्यापक व्यवस्था श्री केदार सभा द्वारा की जा रही है।
यज्ञ स्थल पर बन रहा है विशेष आध्यात्मिक मंडप, सुरक्षा और सेवा के भी पुख्ता इंतजाम
भागवत कथा के लिए विशेष वेदिक मंडप, श्रद्धालुओं के लिए भोजन व प्रसाद वितरण व्यवस्था, साथ ही स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा, स्वास्थ्य और शांति व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। आयोजन में किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए मंदिर समिति और केदार सभा के सैकड़ों स्वयंसेवक सेवा में जुटे हुए हैं।
श्रद्धा की शक्ति, स्मृति की संकल्पना और मोक्ष की साधना
यह आयोजन केवल केदारनाथ का नहीं, बल्कि पूरे देश की उस सामूहिक स्मृति का हिस्सा है जिसने 2013 की त्रासदी को देखा, सहा और महसूस किया। यह यज्ञ प्रकृति के रौद्र रूप में काल के गाल में समा गए हजारों अनाम पुण्यात्माओं के लिए है, जिनके नाम भले मिट गए हों, लेकिन उनकी स्मृति आज भी लोगों के मन में गहरे अंकित है। श्री केदार सभा और मंदिर समिति ने समस्त देशवासियों से अपील की है कि वे इस श्रद्धा, संवेदना और भक्ति के महायज्ञ में किसी न किसी रूप में शामिल हों और उन दिवंगत आत्माओं के लिए सामूहिक प्रार्थना करें। केदारनाथ की यह दिव्य भूमि उन सभी को मोक्ष और शांति प्रदान करे, यही आयोजन का उद्देश्य और आह्वान है।
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||