अहमदाबाद में एयर इंडिया प्लेन क्रैश की एक रिपोर्ट आई, लेकिन उसमें जवाब से ज्यादा सवाल थे. अब पता चल रहा कि जांच कर रहे अफसर उन पायलट का हेल्थ रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं, जो उस विमान उड़ा रहे थे. बताया जा रहा कि …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश की जांच में नई बातें सामने आईं.
- पता चला कि अब पायलट का मेडिकल रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है.
- दावा किया जा रहा कि पायलट सभरवाल डिप्रेशन से जूझ रहे थे.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, 56 साल के कैप्टन सुमित सभरवाल कुछ महीनों में रिटायर होने वाले थे. कहा जा रहा कि 2022 में जब उनकी मां की मौत हो गई तो वे काफी टूट गए थे और वे एयरलाइन छोड़कर अपने बुजुर्ग पिता की देखभाल करने की सोच रहे थे. कैप्टन सभरवाल के पास 15,000 घंटे से ज्यादा उड़ान का एक्सपीरिएंस था. उन्होंने आखिरी बार 5 सितंबर को क्लास-1 मेडिकल टेस्ट पास किया था. अब उनके मेडिकल रिकॉर्ड जांच टीम को सौंप दिए गए हैं. शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच का फोकस विमान में तकनीकी खराबी पर नहीं बल्कि पायलटों के एक्शन पर है. हालांकि, एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इस जांच की टोन और दिशा पर आपत्ति जताई है. इसे पायलटों को बदनाम करने की साजिश बताया है.
भारत के एक प्रमुख एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट, कैप्टन मोहन रंगनाथन ने टेलीग्राफ से कहा, मुझे कई एयर इंडिया पायलटों ने बताया कि कैप्टन सभरवाल को डिप्रेशन और मानसिक स्वास्थ्य की समस्या थी. उन्होंने पिछले 3-4 साल में उड़ानों से ब्रेक लिया और मेडिकल लीव ली थी. रिपोर्ट के मुताबिक, मां की मौत के बाद उन्होंने लीव ली थी. हालांकि, रंगनाथन ने कहा, उन्हें एयर इंडिया के डॉक्टरों ने मेडिकल क्लियरेंस जरूर दिया होगा, तभी वे उड़ान पर जा सके.
शुरुआती रिपोर्ट में क्या कहा गया?
इस हादसे में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के एक मिनट के अंदर ही एक मेडिकल स्टूडेंट हॉस्टल पर गिर गया था. इसमें 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई थी. भारतीय अधिकारियों की शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान के दोनों इंजनों को ईंधन देने वाले स्विच बंद थे. इससे टेकऑफ के वक्त थ्रस्ट पूरी तरह चला गया और विमान गिर गया. रिपोर्ट के मुताबिक, कॉकपिट की आवाज रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछ रहा है कि तुमने फ्यूल क्यों बंद किया? और जवाब आता है, मैंने नहीं किया. अभी तक यह साफ नहीं हो पाया कि ये बातचीत किसने की. हालांकि, शुरुआती रिपोर्ट में किसी को दोषी नहीं ठहराया गया है.
किसके हाथ में था कंट्रोल
उड़ान प्रक्रिया के हिसाब से टेकऑफ के वक्त विमान चला रहे पायलट यानी फर्स्ट ऑफिसर कुंदर के दोनों हाथ कंट्रोल पर होने चाहिए थे. वहीं कैप्टन सभरवाल पायलट मॉनिटरिंग की भूमिका में थे, यानी उनके हाथ खाली थे, जिससे वो फ्यूल स्विच बंद कर सकते थे. रंगनाथन ने यही दावा किया. कैप्टन सभरवाल के पड़ोसियों ने कहा, वे एक शांत स्वभाव के इंसान थे, जो पिता को रोज शाम को टहलाने के लिए ले जाते थे. एक बुजुर्ग महिला ने कहा, मैंने उनसे कहा था कि आपके पापा बहुत बूढ़े हैं, अकेले न छोड़ा करो. तब उन्होंने जवाब दिया, बस एक-दो उड़ान और फिर हमेशा उनके साथ रहूंगा. सभरवाल के एक साथी नील पैस ने कहा, वो एक सज्जन इंसान थे. कहते थे कि अगले एक-दो साल में रिटायरमेंट लेकर पिता की पूरी देखभाल करूंगा.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for ‘Hindustan Times Group…और पढ़ें
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