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NEET Coaching: सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को जिंदगी में आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं. लेकिन कई बार इन अपेक्षाओं के चक्कर में बच्चे इतना उलझ जाते हैं कि उन्हें जिंदगी ही बोझिल लगने लग जाती है.

सिर्फ 1 दिन गया कोचिंग, 2 दिन पहले लिया था दाखिला, हॉस्टल रूम में लगाई फांसीNEET Coaching: नीट की तैयारी करने वाला स्टूडेंट छोड़ गया कई सवाल

नई दिल्ली (NEET Coaching Student). राजस्थान के सीकर और कोटा जिले कोचिंग हब के तौर पर मशहूर हैं. नीट और जेईई की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में यहां एडमिशन लेते हैं. साल 2025 का 7वां महीना लगभग आधा बीत गया है. इतने महीनों में कई नीट एस्पिरेंट्स ने अपनी जान गंवा दी. कोई कोचिंग का प्रेशर नहीं सह पाया, किसी पर परिजनों का दबाव था तो कोई नीट यूजी रिजल्ट आने से पहले ही उसे लेकर चिंतित हो गया था. हाल ही में राजस्थान के सीकर जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है.

कोटा की तरह सीकर भी राजस्थान के कोचिंग हब के तौर पर मशहूर हो रहा है. नीट परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स दूर-दराज से यहां हॉस्टल में रहकर मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते हैं. राजस्थान के ही बालोतरा का एक 20 वर्षीय युवा भी आंखों में डॉक्टर बनने का सपना लेकर सीकर आया था. वह यहीं के एक प्राइवेट हॉस्टल में रहकर नीट परीक्षा की तैयारी कर रहा था. पास की ही किसी कोचिंग में उसका दाखिला करवाकर घरवाले भी निश्चिंत थे. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.

जिंदगी से हार गया दिनेश

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला सीकर के उद्योग नगर थाना क्षेत्र के सूर्य नगर इलाके का है. बालोतरा के समदड़ी के निवासी राम पटेल के 20 वर्षीय बेटे दिनेश कुमार ने नीट यूजी की तैयारी के लिए सीकर की एक कोचिंग में दाखिला लिया था. साथ ही पास के किसी प्राइवेट हॉस्टल में कमरा भी ले लिया था. दिनेश को पता नहीं अचानक क्या सूझा कि उसने बेडशीट से फंदा बनाकर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलते ही उद्योग नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतरवाया.

सिर्फ एक दिन गया था कोचिंग..

अगर आपके घर का कोई बच्चा कोचिंग जाता है या आप खुद इस तरह की कोचिंग गए हैं तो वहां का माहौल समझना आसान होगा. कोचिंग और उसमें भी नीट कोचिंग में हर तरह के स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं. कोई बहुत होशियार होता है तो कोई कमजोर.. लेकिन सब पर दबाव बराबर का होता है. ऐसा नहीं है कि होशियार बच्चों को अलग से कोई घुट्टी पिलाई जा रही हो या कमजोर बच्चों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा हो. कुछ बच्चे इस तरह के हाई प्रेशर माहौल में एडजस्ट नहीं कर पाते हैं.

मौके से नहीं मिला कोई सुसाइड नोट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिनेश कुमार 2 दिन पहले ही घर से दूर इस नए माहौल में नई जिंदगी शुरू करने पहुंचा था. सीकर की प्रसिद्ध नीट यूजी कोचिंग में उसने सिर्फ 1 ही दिन पढ़ाई की थी. पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. ऐसे में मौत की वजह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन प्राथमिक जांच में मामला नए माहौल में एडजस्टमेंट में परेशानी ही बताया जा रहा है. उद्योग नगर थाने के सब-इंस्पेक्टर रोहिताश के अनुसार, पिछले साल एक ही दिन में 2 कोचिंग स्टूडेंट्स ने तनाव के चलते जान दे दी थी.

सवालों के घेरे में कोचिंग कल्चर

इस साल राजस्थान के कोटा में अब तक 15 से ज्यादा सुसाइड के मामले सामने आ चुके हैं. यह आंकड़ा सिर्फ कोटा का है. इसके अलावा बच्चे सीकर और दिल्ली में रहकर भी पढ़ाई कर रहे हैं. वहां से भी ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं. हर मौत के बाद कोचिंग कल्चर पर सवाल उठाए जाते हैं, कुछ नए नियम और पाबंदियां तय होती हैं और फिर मामला जस का तस हो जाता है. दिनेश कुमार की मौत ने भी एक बार फिर से शिक्षा व्यवस्था और कोचिंग कल्चर को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है.

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Deepali Porwal

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h…और पढ़ें

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सिर्फ 1 दिन गया कोचिंग, 2 दिन पहले लिया था दाखिला, हॉस्टल रूम में लगाई फांसी

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