रिपोर्ट में स्विचों के बंद होने का कोई कारण नहीं बताया गया है. न ही एयर इंडिया की उड़ान 171, जो लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए रवाना हुई थी के दुर्घटनाग्रस्त होने के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया गया है. बल्कि, रिपोर्ट से सामने आए नए विवरण ने दुर्घटना के कारणों के बारे में रहस्य को और जटिल बना दिया है. इनमें कॉकपिट से प्राप्त वॉयस रिकॉर्डिंग भी शामिल है. रिपोर्ट में यही पाया गया है और विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले के अंतिम क्षण के बारे में हम यही जानते हैं.
12 जून को क्या हुआ?
12 जून की दोपहर 13:38 पर ड्रीमलाइनर 230 यात्रियों, 10 केबिन क्रू और दो पायलटों के साथ अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुआ. 40 सेकंड से भी कम समय बाद विमान के अपनी प्रारंभिक चढ़ाई के दौरान दोनों इंजन बंद हो गए. 787 ड्रीमलाइनर के लिए इस तरह की पहली घटना में विमान शहर के घनी आबादी वाले उपनगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास और आसपास की इमारतों से टकराया. जो रनवे से लगभग एक नॉटिकल माइल (लगभग 1.85 किमी के बराबर) की दूरी पर था. विमान टकराते ही टूट गया और आग लग गई जिससे पांच इमारतों के कुछ हिस्से नष्ट हो गए. विमान में सवार एक व्यक्ति को छोड़कर सभी की मौत हो गई. एकमात्र जीवित व्यक्ति भारतीय मूल के 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश थे. जमीन पर मौजूद 19 लोग भी मारे गए और 67 घायल हो गए.
‘तुमने ईंधन क्यों बंद कर दिया’
एएआईबी द्वारा साझा किए गए प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर पर एक पायलट को दूसरे से पूछते हुए सुना जा सकता है, “तुमने फ्यूल क्यों बंद कर दिया?” दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया. ये स्विच आकार में छोटे होते हुए भी विमान के इंजनों को चलाने के लिए बेहद जरूरी होते हैं. अनजाने में हुई एक भी हरकत बड़ी समस्या पैदा कर सकती है. हम जानेंगे कि फ्यूल कंट्रोल स्विच क्या काम करते हैं और वे क्यों महत्वपूर्ण हैं. जांच से पता चलता है कि उन्होंने उड़ान को किस प्रकार प्रभावित किया.
फ्यूल कंट्रोल स्विच क्या हैं?
फ्यूल कंट्रोल स्विच विमान के इंजन में ईंधन के फ्लो को नियंत्रित करते हैं. पायलट इनका उपयोग जमीन पर रहते हुए इंजन को चालू या बंद करने के लिए करते हैं. या उड़ान के दौरान इंजन में कोई समस्या होने पर उन्हें मैन्युअल रूप से बंद या पुनः चालू करने के लिए करते हैं. विमानन विशेषज्ञों के अनुसार यह संभव नहीं है कि पायलट गलती से इन स्विचों को बंद कर दे. प्रत्येक स्विच दोनों तरफ ब्रैकेट द्वारा सुरक्षित होता है और उसमें एक स्टॉप लॉक लगा होता है. इसका मतलब है कि स्विच को उसकी दो सेटिंग्स: रन और कटऑफ के बीच ले जाने से पहले उसे ऊपर उठाना होगा.
इंजन फेल होने पर होता है प्रयोग
यदि स्विच को हिलाया जाए तो इससे इंजन को तुरंत ईंधन मिलना बंद हो जाएगा, जिससे इंजन की शक्ति समाप्त हो जाएगी. अमेरिकी विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन कॉक्स ने रॉयटर्स को बताया कि ये स्विच और इनके द्वारा नियंत्रित वाल्व अलग-अलग संचालित और तारयुक्त होते हैं. यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि यदि किसी स्विच का उपयोग किया जाता है, तो उसका सीधा प्रभाव केवल उसी इंजन पर पड़ता है जिससे वह जुड़ा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पायलट को उड़ान के दौरान इन स्विचों का इस्तेमाल केवल तभी करना होगा जब इंजन फेल हो जाए या इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाए. या सुरक्षा के लिए ईंधन आपूर्ति रोकना जरूरी हो जाए.
कहां स्थित होते हैं फ्यूल स्विच?
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में फ्यूल स्विच कॉकपिट के सेंटर कंसोल पर इंजन थ्रस्ट लीवर के ठीक नीचे स्थित होते हैं. एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर जो जीई इंजन द्वारा संचालित होते हैं, में ऐसे दो स्विच होते हैं, प्रत्येक इंजन के लिए एक. स्विच स्प्रिंग-लोडेड होते हैं इसलिए वे अपनी जगह पर बने रहते हैं. ये दो मोड में काम करते हैं: रन और कटऑफ. किसी स्विच को RUN से CUTOFF पर शिफ्ट करने के लिए पायलट को पहले उसे उठाना होगा और फिर उसे हिलाना होगा. यह अतिरिक्त कदम उसे गलती से हिलने से रोकने में मदद करता है.
क्या होता है जब फ्लिप हो जाता है?
उड़ान भरने के तुरंत बाद दोनों ईंधन स्विच एक सेकंड के अंतराल पर रन से कटऑफ पर स्विच हो गए. प्रारंभिक रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि विमान के हवा में रहते हुए ऐसा कैसे हुआ. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि उड़ान के दौरान स्विच को कटऑफ से रन पर ले जाया जाता है, तो प्रत्येक इंजन की प्रणाली ऑटोमैटिक फिर शुरू हो जाती है. थ्रस्ट को पुनः प्राप्त करने के लिए ईंधन और इग्निशन को पुनः शुरू कर देती है. अमेरिकी विमानन विशेषज्ञ जॉन नैन्स के अनुसार शुरुआती चढ़ाई के दौरान पायलट इन्हें कभी बंद नहीं करता. स्विच को कटऑफ पर घुमाने से इंजन लगभग तुरंत बंद हो जाते हैं. यह कार्रवाई आमतौर पर लैंडिंग के बाद जब विमान अपनी मंजिल पर पहुंच जाता है, या इंजन में आग लगने जैसी आपात स्थिति में की जाती है. रिपोर्ट में उड़ान के दौरान ऐसी किसी आपात स्थिति का जिक्र नहीं है. दुर्घटनास्थल पर दोनों स्विच चालू स्थिति में पाए गए. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विमान के जमीन पर गिरने से कुछ देर पहले ही इंजन फिर से चालू हो गए थे.
क्या पायलट ने बंद कर दिया फ्यूल?
फ्यूल स्विच को ‘कट-ऑफ’ में बदलना सामान्यतः विमान के उतरने के बाद ही किया जाता है. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर ने एक पायलट को दूसरे से पूछते हुए रिकॉर्ड किया, “तुमने फ्यूल क्यों काट दिया?”, जिसका उत्तर इनकार था. रिकॉर्डिंग में साफ तौर पर यह नहीं समझ आ रहा कि किसने क्या कहा. उस समय विमान का नियंत्रण को-पायलट के हाथ में था, जबकि कैप्टन निगरानी कर रहा था. जांचकर्ताओं ने बताया कि स्विचों में लीवर-लॉक लगे होते हैं ताकि अनजाने में उनका इस्तेमाल न हो. इन्हें हटाने से पहले ऊपर खींचना जरूरी है. कनाडा स्थित एक हवाई दुर्घटना जांचकर्ता ने बीबीसी को बताया, “एक हाथ से दोनों स्विचों को खींचना लगभग असंभव होता है.”
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