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नई दिल्ली13 मिनट पहले

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एक देश-एक चुनाव के लिए 129वें संशोधन बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की बैठक संसद भवन में चल रही है। आज की मीटिंग में पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जगदीश सिंह खेहर कमेटी के सामने सुझाव देंगे। बैठक में शामिल होने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर, संबित पात्रा समेत JPC के अन्य सदस्य पहुंचे हैं।

संसद में पेश हुए 129वें संविधान संशोधन बिल पर चर्चा करने और सुझाव लेने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली 39 सदस्यीय JPC बनाई गई है। JPC का काम बिल पर व्यापक विचार-विमर्श करना, विभिन्न पक्षकारों और विशेषज्ञों से चर्चा करना और अपनी सिफारिशें सरकार को देना है। अब तक कमेटी की 4 बैठकें हो चुकी हैं।

JPC बैठक की 2 तस्वीरें…

भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर मीटिंग के लिए संसद भवन पहुंचे।

NCP (शरद गुट) की सांसद सुप्रिया सुले बैठक में शामिल हुई हैं।

जस्टिस जगदीश सिंह खेहर बिल पर कमेटी को सुझाव देंगे।

8 जनवरी: पहली बैठक

भाजपा सांसद संबित पात्रा मीटिंग के बाद सूटकेस में रिपोर्ट ले जाते हुए।

8 जनवरी को JPC की पहली बैठक हुई थी। इसमें सभी सांसदों को 18 हजार से ज्यादा पेज की रिपोर्ट वाली एक ट्रॉली दी गई थी। इसमें हिंदी और अंग्रेजी में कोविंद समिति की रिपोर्ट और अनुलग्नक की 21 कॉपी शामिल है। इसमें सॉफ्ट कॉपी भी शामिल है। पूरी खबर पढ़ें…

31 जनवरी: दूसरी बैठक

JPC की दूसरी बैठक में प्रियंका गांधी और अनुराग ठाकुर पहुंचे थे।

129वें संविधान संशोधन बिल पर 31 जनवरी 2025 को दूसरी बैठक हुई थी। इसमें कमेटी ने बिल पर सुझाव लेने के लिए स्टेक होल्डर्स की लिस्ट बनाई। इसमें सुप्रीम कोर्ट और देश के अलग-अलग हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस, चुनाव आयोग, राजनीतिक दल और राज्य सरकारें शामिल हैं। पूरी खबर पढ़ें…

25 फरवरी: तीसरी बैठक

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, रणदीप सुरजेवाला समेत अन्य नेता JPC मीटिंग में शामिल होने पहुंचे थे।

25 फरवरी को कमेटी की तीसरी बैठक हुई। इसमें पूर्व चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित, लॉ कमीशन के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी समेत 4 लॉ एक्सपर्ट्स कमेटी के सामने सुझाव दिए। पूरी खबर पढ़ें…

26 मार्च: चौथी बैठक

भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक पर JPC की बैठक के लिए संसद भवन पहुंचे थे।

26 मार्च को जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की मंगलवार को चौथी बैठक हुई थी। इसमें अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल, जेपीसी सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा समेत और अन्य लोग पहुंचे थे।

सूत्रों के मुताबिक अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी ने JPC से कहा था- प्रस्तावित कानूनों में किसी संशोधन की आवश्यकता नहीं है। एक साथ चुनाव कराने के विधेयक संविधान की किसी भी विशेषता को प्रभावित नहीं करते। ये कानून की दृष्टि से सही हैं। पूरी खबर पढें…

एक देश-एक चुनाव क्या है… भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं। एक देश-एक चुनाव का मतलब लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से है। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय वोट डालेंगे।

आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही हुए थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद दिसंबर, 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।

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एक देश-एक चुनाव संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं, पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने संसदीय समिति को लिखित राय दी

पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं है।’ हालांकि, प्रस्तावित बिल में चुनाव आयोग (ECI) को दी जाने वाली शक्तियों पर चिंता उन्होंने जताई है। पूरी खबर पढ़ें…

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