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नई दिल्ली1 घंटे पहले

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12 जून को एअर इंडिया की फ्लाइट टेकऑफ के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी।

अहमदाबाद प्लेन क्रैश की शुरुआती जांच में अभी तक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में कोई तकनीकी खराबी सामने नहीं आई है। वॉल स्ट्रीट जनरल ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।

अमेरिकी मीडिया संस्थान के मुताबिक, प्लेन के दोनों इंजनों में फ्यूल सप्लाई कंट्रोल करने वाले स्विच बंद कर दिए गए थे, जिससे टेकऑफ के तुरंत बाद इंजन में ताकत (थ्रस्ट) खत्म हो गई। पायलट आमतौर पर इन स्विच का इस्तेमाल इंजन चालू करने, बंद करने या किसी आपात स्थिति में रीसेट करने के लिए करते हैं।

इधर, हादसे की प्राइमरी जांच रिपोर्ट आज सार्वजनिक हो सकती है। मामले की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कर रही है। नियमों के मुताबिक, हादसे के 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट अपलोड करनी होती है।

12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सिर्फ एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है।

एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी थी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 200 फीट की ऊंचाई पर था।

ब्लैक बॉक्स डेटा ने दिखाया संदिग्ध मूवमेंट

अमेरिका की एविएशन वेबसाइट दि एयर कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैक बॉक्स के शुरुआती डेटा में दोनों इंजन के फ्यूल स्विच के मूवमेंट की जानकारी सामने आई है। अभी यह साफ नहीं है कि यह मूवमेंट पायलट की गलती से हुआ, तकनीकी खराबी के कारण या किसी और वजह से हुआ है।

अमेरिकी एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट जॉन कॉक्स के अनुसार, यह स्विच इतना सेंसिटिव नहीं होता कि गलती से हाथ लगने से चालू हो जाए। इसे जमीन पर ही ऑन/ऑफ किया जाता है।

फ्यूल स्विच क्यों है इतना अहम?

ड्रीमलाइनर विमान के दोनों इंजनों में रन और कटऑफ नाम के दो पोजिशन होते हैं। अगर विमान हवा में है और स्विच कटऑफ पर चला जाए तो इंजन को फ्यूल मिलना बंद हो जाता है, जिससे ताकत (थ्रस्ट) खत्म हो जाती है और बिजली सप्लाई भी रुक सकती है, जिससे कॉकपिट के कई उपकरण भी बंद हो सकते हैं।

एक्सपर्ट बोले- पायलट ने इमरजेंसी में ही फ्यूल स्विच दबाया

एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन राकेश राय के मुताबिक, ‘कोई भी पायलट विमान में आकर फ्यूल स्विच से खेल नहीं करता। अगर ऐसा किया गया, तो जरूर कोई तकनीकी दिक्कत हुई होगी।’

कैप्टन राय ने बोइंग की उस मानक प्रक्रिया (SOP) का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि डुअल इंजन फेल होने पर पायलट को तुरंत रिएक्ट करना होता है और दोनों स्विच को चालू-बंद कर “EEC” को रीसेट किया जाता है। इसे “विंडमिल स्टार्ट” कहा जाता है, जिससे इंजन फिर से चालू हो सकता है।

राज्य मंत्री बोले थे- यह पहली बार, जब दोनों इंजन फेल

इससे पहले 28 जून को नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया था कि विमान हादसे की जांच सभी पहलुओं से की जा रही है, जिसमें साजिश (सैबोटाज) की आशंका को भी खंगाला जा रहा है। वहीं, तीन महीने में विस्तृत जांच रिपोर्ट आ सकती है।

विस्तृत रिपोर्ट 3 महीने में आने की संभावना

केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि हादसे की वजह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह इंजन फेलियर, फ्यूल सप्लाई की समस्या या कोई तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुआ। ब्लैक बॉक्स भारत में ही है, उसे विदेश नहीं भेजा जाएगा। इसमें मौजूद CVR और FDR की जांच की जा रही है। विस्तृत 3 महीने में रिपोर्ट आने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) के आदेश पर एअर इंडिया के सभी 33 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच कर ली गई है और सब कुछ सुरक्षित पाया गया है। ये हादसा एक अपवाद था, अब लोग बिना डर के यात्रा कर सकते हैं। AAIB इसकी हर एंगल से जांच कर रहा है। CCTV फुटेज देखे जा रहे हैं और कई एजेंसियां मिलकर जांच में जुटी हैं।’

अहमदाबाद प्लेन हादसे में जान गंवाने वाले 251 मृतकों की DNA से पहचान हो चुकी है। 245 मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए है

गुजरात के पूर्व CM विजय रूपाणी का भी निधन हुआ था

एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI 171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी। इसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल हैं। बाकी 12 क्रू मेंबर्स थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया।

पायलट ने मेडे कॉल किया था

फ्लाइटरडार24 के मुताबिक, विमान का आखिरी सिग्नल 190 मीटर (625 फीट) की ऊंचाई पर मिला, जो उड़ान भरने के तुरंत बाद आया था। भारत के सिविल एविएशन रेगुलेटर DGCA ने बताया कि विमान ने 12 जून की दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के बाद विमान के पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को मेडे कॉल (इमरजेंसी मैसेज) भेजा, लेकिन इसके बाद कोई जवाब नहीं मिला।

DGCA के अनुसार, विमान में दो पायलट और 10 केबिन क्रू सहित कुल 242 लोग सवार थे। पायलट के पास 8,200 घंटे और को-पायलट के पास 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।

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