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ठाणे1 मिनट पहले

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महाराष्ट्र के ठाणे जिले में हिंदी भाषी रिक्शा ड्राइवर का एक मराठी पैसेंजर से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। बात मारपीट तक पहुंच गई।

इस विवाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) कार्यकर्ताओं ने दखल दिया। भिवंडी नगर अध्यक्ष मनोज गुलवी ने ड्राइवर को माफी मांगने पर मजबूर किया।

गुलवी ने धमकी दी कि आगे अगर किसी किसी मराठी युवक को छूने की कोशिश की, तो देख लेना हाथ कहां जाएगा।

मंत्री शेलार बोले- हिंदुओं को पीटना पहलगाम हमले जैसा मुंबई में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मराठी बोलने को लेकर विवाद बड़ा सियासी मुद्दा बनता जा रहा है। हिंदीभाषी लोगों के खिलाफ हिंसा के बीच महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने पहलगाम आतंकी हमले और मुंबई में ‘हिंदुओं’ की पिटाई को एकसमान बताया।

शेलार ने उद्धव-राज ठाकरे का नाम न लेते हुए 6 जुलाई को कहा, ‘राज्य देख रहा है कि कैसे कुछ नेता हिंदुओं की पिटाई का आनंद ले रहे हैं।’ कुछ दिन पहले MNS कार्यकर्ताओं ने ठाणे में मिठाई दुकानदार के मराठी न बोलने पर पिटाई कर दी थी।

वहीं, 5 जुलाई को MNS कार्यकर्ताओं ने शेयर बाजार इन्वेस्टर सुशील केडिया के वर्ली ऑफिस के कांच के दरवाजे तोड़ दिए थे। केडिया ने राज ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा था कि वे मराठी नहीं बोलेंगे।

इधर, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे की हालिया टिप्पणियों की आलोचना की है और उन्हें ‘दादागिरी’ को बढ़ावा देने वाला बताया और MNS कार्यकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की

अठावले बोले- ऐसी घटनाओं से उद्योग बंद हो जाते हैं

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि लोगों को मराठी बोलने के लिए मजबूर करना गलत है। हिंसा में शामिल मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। अठावले ने राज के रुख पर पूछा कि ऐसी घटनाओं के कारण उद्योग बंद हो जाते हैं तो क्या वे सभी को रोजगार देंगे।

5 जुलाई- केडिया के वर्ली स्थित ऑफिस में MNS कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की

5 जुलाई को मशहूर इन्वेस्टर सुशील केडिया के वर्ली स्थित ऑफिस में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की थी।

5 जुलाई को मशहूर इन्वेस्टर सुशील केडिया के वर्ली स्थित ऑफिस में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की और MNS चीफ राज ठाकरे के समर्थन में नारे लगाए थे।

पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को हिरासत में लिया है। ये हमला उद्धव और राज ठाकरे की संयुक्त रैली के कुछ घंटे पहले किया गया। ये हमला केडिया के 3 जुलाई की उनकी X पोस्ट के बाद हुआ। उन्होंने मनसे चीफ राज ठाकरे को टैग करते हुए लिखा था-

मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मैं मराठी ठीक से नहीं जानता और आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोगों को मराठी मानुष की देखभाल करने का दिखावा करने की परमिशन नहीं दी जाती, मैं प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं मराठी नहीं सीखूंगा। क्या करना है बोल?

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पूरा मामला कहां से शुरू हुआ….

वायरल वीडियो में MNS कार्यकर्ता गुजराती दुकानदार को थप्पड़ मारते दिखे थे।

मुंबई के मीरा रोड इलाके का एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो 30 जून का था। इसमें MNS कार्यकर्ताओं की गुजराती दुकानदार से मराठी न बोलने पर बहस हुई थी। कार्यकर्ता ने उससे कहा था कि तुमने मुझसे पूछा कि मराठी क्यों बोलनी चाहिए? जब तुम्हें परेशानी थी, तब तुम MNS ऑफिस आए थे।’

दुकानदार ने जवाब में कहा था कि उसे नहीं पता था कि मराठी बोलना अब जरूरी हो गया है। इस पर एक कार्यकर्ता गाली देते हुए दुकानदार को धमकाता है कि उसे इस इलाके में कारोबार नहीं करने दिया जाएगा। बहस के दौरान दुकानदार से मारपीट की गई थी। पूरी खबर पढ़ें…

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उद्धव और राज ठाकरे ने कहा- हिंदी थोपना बर्दाश्त नहीं: 48 मिनट के भाषण में दोनों बोले- अगर मराठी के लिए लड़ना गुंडागर्दी, तो हम गुंडे हैं

महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने ‘मराठी एकता’ पर शनिवार को मुंबई के वर्ली सभागार में रैली की। दोनों ने 48 मिनट तक हिंदी-मराठी भाषा विवाद, मुंबई-महाराष्ट्र, भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कहा कि तीन भाषा का फॉर्मूला केंद्र से आया। हिंदी से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए। अगर मराठी के लिए लड़ना गुंडागर्दी है तो हम गुंडे हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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