गुरुग्राम में मुख्यमंत्री नायब सैनी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) के मारुति-पातली ट्रैक का शुभारंभ करेंगे। इस दौरान कारें लादने वाली एक विशेष ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। कार्यक्रम मानेसर स्थि
यह नया ट्रैक लगभग 7 किलोमीटर लंबा है, जो मानेसर कारखाने से पातली रेलवे स्टेशन तक जाएगा। इससे मानेसर ही नहीं, हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़ और सोनीपत जैसे इलाके भी लाभान्वित होंगे।
फरीदाबाद की मशीनें, गुरुग्राम की कारें, बहादुरगढ़ के जूते-चप्पल, और सोनीपत की भारी इंडस्ट्रियों का सामान आसानी से दूसरे स्थानों तक पहुंच सकेगा। साथ ही यह ट्रैक हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचआरआईडीसी) द्वारा पलवल से सोनीपत तक बनाए जा रहे ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर से भी जुड़ेगा।
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट रेल कॉरिडोर
- लंबाई: 1506 किलोमीटर
- मार्ग: जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (मुंबई) से दादरी (उत्तर प्रदेश) तक
- राज्य: महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश
- विशेषताएं: डबल इलेक्ट्रिसिटी लाइन
- उद्देश्य: माल ढुलाई को आसान बनाना
- लोन: जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA)
- लाभ: माल ढुलाई में तेजी, पर्यावरण
औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगा लाभ
इस रेल कॉरिडोर परियोजना का उद्देश्य देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ना है। इस रेल लाइन के शुरू होने से हरियाणा में स्थित औद्योगिक इकाइयों को विशेष रूप से लाभ होगा। भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति कंपनी के सभी प्लांट भी आपस में जुड़ जाएंगे। मारुति इस रेल लाइन का उपयोग करके अपनी कारों को माल गाड़ियों के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में तेजी से और कम लागत में पहुंचा सकेगी।
इस रेल खंड के शुरू होने से पहले, कंपनियों को सड़क मार्ग से सामान भेजने में कई घंटे लगते थे, जिससे समय और लागत दोनों में बढ़ोतरी होती थी।
मारुति प्लांट में यार्ड तैयार
इस परियोजना के तहत मारुति सुजुकी के मानेसर प्लांट में एक विशेष यार्ड तैयार किया गया है, जहां से माल गाड़ियों में कारों को लोड करने का कार्य शुरू हो चुका है। इस यार्ड में एक साथ चार मालगाड़ियों में सामान लोड करने की क्षमता है। यह सुविधा न केवल मारुति सुजुकी के लिए, बल्कि मानेसर और आसपास के क्षेत्र में स्थित अन्य औद्योगिक इकाइयों के लिए भी लाभकारी होगी।
इस रेल खंड के शुरू होने से सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे सड़क यातायात में भी सुधार होगा। साथ ही, पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है, क्योंकि रेल परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन करता है।
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