Waiting Ticket Confirmed- वेटिंग टिकट लेने वालों को चार्ट बनने तक का इंतजार करना पड़ता है. अगर यह पहले ही पता चल जाए कि कितने नंबर तक वेटिंग टिकट कंफर्म हो सकता है या कितनी संभावना है तो यात्रियों को काफी सुविध…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- सामान्य दिनों में 26 फीसदी तक वेटिंग हो सकती है कंफर्म
- त्यौहारी सीजन में संभावना हो जाती है कम
- 21 फीसदी लोग कंफर्म टिकट लेने के बाद कराते हैं कैंसिल
नई दिल्ली. ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को उस समय असमंजस्य का सामाना करना पड़ता है, जब उनका टिकट वेटिंग रह जाता है. ऐसे में उनको समझ में नहीं आता है कि सफर की तैयारी करें या न करें. क्योंकि चार्ट चार घंटे पहले बनता है. चार्ट बनने के बाद आनन फानन में तैयारी नहीं की जा सकती है. कई लोगों को दूर से ट्रेन पकड़नी पड़ती है, ऐसे में वे घर से और जल्दी निकल लेते हैं. इस परेशानी से बचने के लिए आप स्वयं टिकट बुक होते ही पता लगा सकते हैं कि कंफर्म होने की कितनी संभावना है. यहां जानें आसान तरीका.
इस तरह वेटिंग होता है कंफर्म
आप इस तरह लगाएं पता
पूरी ट्रेन का औसतन आंकड़ा ऐसे जानें
उदाहरण के लिए ज्यादातर लंबी दूरी की ट्रेनों 22 से 24 कोच होते हैं. इंजन और गार्ड कोच के अलावा चार कोच जनरल के होते हैं. इसके अलावा आठ कोच स्लीपर के होते है. इस तरह इस कोच में 75 से 80 वेटिंग तक आसानी से कंफर्म होने की संभावना होती है. अभी ट्रेन छूटने से चार घंटे पहले चार्ट तैयार होता है, लेकिन रेलवे तैयारी कर रहा है कि ट्रेन छूटने से 24 घंटे पहले चार्ट तैयार हो जाए.
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