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जावेद अख्तर, हिंदी सिनेमा पर दशकों से राज कर रहे हैं. स्क्रिप्ट हो या लिरिक्स, हर मामले में उनका कोई मुकाबला नहीं है. एक किस्सा उनका कुछ ऐसा है जब उन्होंने डबल मीनिंग गाने के एहसास के चक्कर में ब्लॉकबस्टर फिल्म छोड़ दी थी. उन्हें फिल्म का टाइटल ही पसंद नहीं आया था. उस फिल्म में सुपरस्टार्स होने वाले थे, लेकिन जावेद अख्तर ने किसी की परवाह नहीं की और फैसला ले लिया.

जावेद अख्तर खुद कई इंटरव्यू में साफ साफ कह चुके हैं कि वह दोहरे अर्थ वाले गानों से बचते आए हैं. वह 80 के दशक को सबसे काला समय मानते हैं जहां लोगों ने इस तरह के डबल मीनिंग गाने लिखे और बेतुके और अश्लील गाने बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

डबल मीनिंग वाले गानों पर किसी भी सूरत में काम नहीं करते
जावेद अख्तर का यही सिद्धांत दशकों से बना हुआ है. इसी वजह से उन्होंने ब्लॉकबस्टर फिल्म को भी छोड़ दिया था. ये फिल्म थी ‘कुछ कुछ होता है’. करण जौहर खुद अपनी फिल्म लेकर जावेद अख्तर के पास गए थे. जब अख्तर साहब ने टाइटल सुना तो हैरान रह गए कि ये कैसा नाम है.

जावेद अख्तर ने रिजेक्ट किया था गाना
जावेद अख्तर ने ‘कुछ कुछ होता है’ का एक गाना लिख भी लिया था. लेकिन फिर जब करण जौहर ने अपनी फिल्म के टाइटल का ऐलान किया तो लिरिसिस्ट ने अपने पैर पीछे खींच लिए. जावेद अख्तर ने कहा, ‘कुछ कुछ होता है’.. क्या होता है. ये क्या गाना हुआ. हालांकि बाद में उन्हें इसका पछतावा भी हुआ था.

समीर अंजान ने लिखा ‘कुछ कुछ होता है’
‘कुछ कुछ होता है’ को जब जावेद अख्तर ने रिजेक्ट कर दिया था तो करण जौहर ने फेमस लिरिसिस्ट समीर अंजान को अप्रोच किया. शुरुआत में समीर को लगा कि ये फिल्म पहले जावेद अख्तर लिखने वाले थे..तो क्यों न वो भी भारी भरकम शायरी और फीलिंग्स को इसमें बयां करें. ऐसे में उन्होंने ‘कुछ कुछ होता है’ के टाइटल सॉन्ग का मुखड़ा तैयार किया और करण जौहर को सुनाया.

कैसे बना था ‘कुछ कुछ होता है’ गाना
खुद समीर अंजान ने इस गाने का किस्सा एक इंटरव्यू में बताते हुए शेयर किया था. मुखड़ा सुनते ही करण जौहर ने समीर से कहा कि उन्होंने ये क्या कर दिया…? उन्हें तो ‘कुछ कुछ होता है’ का गाना ऐसा चाहिए जो स्कूल कॉलेज वाले बच्चों के मुंह पर चढ़ जाए. एकदम आसान और आम. बस उसके बाद ‘कुछ कुछ होता है’ का मैन गाना बना और हर घर में छा गया.

हिंदी में ‘कुछ कुछ होता है’ के लिरिक्स
तुम पास आये, यूं मुस्कुराये
तुमने न जाने क्या सपने दिखाये
अब तो मेरा दिल, जागे न सोता है
क्या करूं हाय, कुछ कुछ होता है

न जाने कैसा एहसास है
बुझती नहीं है क्या प्यास है
क्या नशा इस प्यार का
मुझपे सनम छाने लगा
कोई न जाने क्यों चैन खोता है
क्या करूं हाय, कुछ कुछ होता है

क्या रंग लायी मेरी दुआ
ये इश्क जाने कैसे हुआ
बेचैनियों में चैन
न जाने क्यों आने लगा
तनहाई में दिल, यादें संजोता है
क्या करूँ हाय, कुछ कुछ होता है

शाहरुख-काजोल-रानी

साल 1998 में आई करण जौहर की कुछ कुछ होता है सुपरहिट फिल्म तो थी ही इसके गाने भी ब्लॉकबस्टर रहे थे. फिल्म में शाहरुख खान-काजोल और रानी मुखर्जी लीड रोल में थे.

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