Papaya Cultivation: रामकिशोर बताते है कि इस पपीते की बुआई जून-जुलाई के महीने में की जाती है और 8 से 9 महीने में फल तोड़ने लायक तैयार हो जाता है. अच्छी देखभाल और सही मौसम मिलने पर पौधों में जल्दी ही फूल और फल आन…और पढ़ें
उन्होंने बताया कि एक कतार या चौड़ाई में जब तुड़ाई की जाती है तो 25 से 30 कुंटल तक पपीता निकल आता है. फल दिखने में सुंदर और स्वाद में मीठा होता है. इसलिए इसका अच्छा दाम मिल जाता है. रामकिशोर के खेत का पपीता दिल्ली की बड़ी मंडियों में जाता है. जहां व्यापारी पहले से ही बुकिंग कर लेते है.
पपीते की इस वैरायटी की खासियत यह है कि यह जल्दी तैयार होती है. बार-बार फल देती है और स्वाद में बहुत ही बढ़िया होती है. जिन किसानों की जमीन कम है, उनके लिए यह खेती फायदे का सौदा बन सकती है.
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या…और पढ़ें
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या… और पढ़ें
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