-भावुक कर देने वाले क्षणों, रंगारंग प्रस्तुतियों और प्रेरक संदेशों के बीच रची गई यादों की अद्भुत कथा
उदय भूमि संवाददाता
ग्रेटर नोएडा। हरलाल स्कूल ऑफ लॉ (हरलाल विधि संस्थान) में शनिवार को बी.ए.एल.एल.बी. तथा एल.एल.बी. अंतिम वर्ष (2024-25) के विद्यार्थियों के लिए एक स्मरणीय विदाई समारोह लेक्स फिएस्टा 2025 का आयोजन हुआ, जिसने भावनाओं, संस्कृति और आत्मीयता की एक अद्वितीय छवि प्रस्तुत की। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी सम्माननीय अतिथियों, शिक्षकगणों और विद्यार्थियों ने माँ शारदे से ज्ञान और विवेक की कामना की।
इसके उपरांत कार्यवाहक प्राचार्या डॉ. रमा दत्त ने मंचासीन अतिथियों संस्थान के अध्यक्ष एच.एस. बंसल, सचिव अनिल बंसल, संयुक्त सचिव अनमोल बंसल, समूह निदेशक प्रो. (डॉ.) सुधीर कुमार, कार्यकारी निदेशक डॉ. विक्रांत चौधरी, एवं संस्थान के अन्य प्राचार्यों, विभागाध्यक्षों तथा प्रशासनिक अधिकारियों का स्नेहपूर्ण स्वागत किया। लेक्स फिएस्टा 2025 केवल एक समारोह नहीं, बल्कि हरलाल विधि संस्थान की उस परंपरा की जीवंत अभिव्यक्ति है, जहाँ शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन का संस्कार बनती है। यह आयोजन विद्यार्थियों के जीवन की स्मृतियों में सदा एक सुनहरी याद बनकर जीवित रहेगा।
कानून केवल पेशा नहीं, यह समाज सेवा का माध्यम है: एच.एस. बंसल
इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष एच.एस. बंसल ने विद्यार्थियों को संवेदनशील, न्यायप्रिय और कर्मनिष्ठ नागरिक बनने का संदेश देते हुए कहा कि कानून का अध्ययन केवल आजीविका का माध्यम नहीं है, यह समाज में न्याय, नैतिकता और समानता की स्थापना का माध्यम है। आप सभी विद्यार्थियों से मेरी अपेक्षा है कि आप जहाँ भी जाएँ, अपने ज्ञान के साथ अपने मूल्यों को भी साथ लेकर चलें। सत्य, निष्ठा और संवेदनशीलता को कभी न छोड़ें। यही आपके उज्ज्वल भविष्य की नींव है।
सांस्कृतिक रंगों से सजी संध्या, विद्यार्थियों की प्रतिभा ने मोहा मन
विदाई समारोह में विद्यार्थियों ने संगीत, नृत्य एवं नाट्य की अद्भुत प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें उनकी कला, ऊर्जा और भावनाओं की गहराई स्पष्ट दिखी। हर प्रस्तुति पर सभागार तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। फाइनल वर्ष और प्रथम वर्ष के छात्रों की रैम्प प्रस्तुति (प्रवेश परिक्रमा) ने मंच पर आकर्षण का केंद्र बनकर सभी का मन मोह लिया। आत्मविश्वास से भरे चेहरों पर विदाई की टीस और भविष्य की उम्मीद दोनों साफ झलक रही थी।
भावनाओं से भरे क्षण, सजीव स्मृतियाँ
पूरा वातावरण संवेदनशीलता और उल्लास का मिश्रण था। विद्यार्थियों ने शिक्षकों से मिलकर आशीर्वाद लिया और बीते वर्षों की स्मृतियों को साझा करते हुए विदाई के भावुक क्षणों को यादगार बना दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में शिक्षकों ने विद्यार्थियों को आचरण, अनुशासन, न्यायप्रियता और सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए प्रेरित किया। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह केवल एक विदाई नहीं, बल्कि एक नई यात्रा का आरंभ है जहां छात्र अब अपने-अपने मार्ग पर देश, समाज और न्याय व्यवस्था में अपना अमूल्य योगदान देंगे।
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