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Pilibhit News : पीलीभीत की देवहा नदी दशकों से प्रदूषण का सामना कर रही है, जिसमें 9 नालों और एक चीनी मिल का प्रदूषित पानी मिल रहा है. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया ऐलान के बाद नदी के पुनर्जीवित ह…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • देवहा नदी पीलीभीत की लाइफलाइन है.
  • नदी में 9 नालों और चीनी मिल का प्रदूषित पानी गिरता है.
  • सीएम योगी के ऐलान से नदी पुनर्जीवित होने की उम्मीद.

पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत शहर के किनारे बहने वाली देवहा नदी को शहर की लाइफलाइन माना जाता है. लेकिन दशकों से प्रदूषण का सामना कर रही यह नदी अब इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया ऐलान के बाद इस नदी के पुनर्जीवित होने की उम्मीद जगी है.

पीलीभीत जिले में कई नदियां और नहरें हैं, लेकिन शारदा, गोमती और देवहा नदी लोगों की आस्था के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. देवहा नदी की बात करें तो शहर के अधिकांश लोग आध्यात्मिक कार्यों के लिए इसी नदी पर निर्भर हैं. शहर की खकरा नदी जिले की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक है .देवहा नदी के ब्रह्मचारी घाट पर हजारों श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा और गंगा दशहरा पर स्नान करते हैं, और यहीं पर खकरा नदी देवहा में मिलती है.

देवहा नदी में गिरता है 9 नालों का पानी
देवहा में मिलने से पहले खकरा नदी में शहर के तीन बड़े नाले गिरते हैं. इसके अलावा, देवहा नदी में शहर के कुल 9 नालों और एक चीनी मिल का प्रदूषित पानी छोड़ा जाता है. पीलीभीत से बहकर देवहा नदी शाहजहांपुर होते हुए फर्रुखाबाद में गंगा में मिल जाती है. लेकिन इसके बावजूद, शहर की गंदगी और फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी बेरोकटोक देवहा में मिलाया जा रहा है.शहर की पौराणिक देवहा नदी में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा कई वर्षों से उठाया जा रहा है.

एनजीटी के आदेश के बाद भी नहीं पड़ा असर
नगरपालिका परिषद द्वारा देवहा में दूषित पानी मिलाए जाने का मामला सामाजिक कार्यकर्ता शिवम कश्यप ने एनजीटी और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष रखा था. इस पर पालिका को तत्काल इसका स्थाई हल निकालने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन लापरवाही के चलते इन निर्देशों पर कभी अमल नहीं किया गया. शिवम का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हर जिले में एक नदी के पुनरुद्धार की घोषणा के बाद इस नदी को जीवनदान मिलने की उम्मीद है.

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9 नालों और चीनी मिल ने बिगाड़ दी पीलीभीत की इस नदी की हालत

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