-गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की नई पहल से सुधरेंगी नागरिक सुविधाएं, हर रोज होगा ठेकेदारों के कार्यों का मूल्यांकन
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। शहर के प्रमुख और विकसित हो रहे क्षेत्र राजनगर एक्सटेंशन में अब विकास कार्यों को और अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने बड़ा कदम उठाया है। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स के निर्देश पर इस क्षेत्र को अब सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा, जिससे ना केवल नागरिक सुविधाओं की निगरानी आसान होगी, बल्कि जवाबदेही भी तय की जा सकेगी। इस योजना के तहत जीडीए के अभियंत्रण जोन-1 में आने वाले राजनगर एक्सटेंशन को सड़कों के आधार पर अलग-अलग सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद प्रत्येक सेक्टर में तैनात सुपरवाइजरों को सफाई, कूड़ा प्रबंधन, सीवरेज, नालियों की सफाई और स्ट्रीट लाइट व्यवस्था जैसे बुनियादी कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी दी जाएगी। नई प्रणाली के अनुसार, सुपरवाइजरों को ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों की रोजाना समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट संबंधित अवर अभियंता और सहायक अभियंता को सौंपनी होगी। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारी इन रिपोर्टों के आधार पर नियमित निरीक्षण करेंगे और लापरवाही मिलने पर संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बेहतर सुविधाओं की ओर एक बड़ा कदम
इस व्यवस्था से नागरिकों को सीधे लाभ होगा। जीडीए अब शिकायतों के समाधान में अधिक चुस्त और सक्रिय हो सकेगा। राजनगर एक्सटेंशन में लंबे समय से नागरिकों द्वारा सफाई, कूड़ा उठान और जल निकासी को लेकर की जा रही शिकायतों को अब सेक्टरवार मॉनिटरिंग के जरिए प्राथमिकता से निस्तारित किया जाएगा।
सफल मॉडल बना तो पूरे शहर में होगा लागू
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की यह पहल यदि सफल रहती है तो इसे शहर के अन्य इलाकों में भी लागू किया जाएगा। इससे जीडीए की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी और नागरिकों को सीधे तौर पर प्रशासनिक जवाबदेही का लाभ मिलेगा। राजनगर एक्सटेंशन को सेक्टरों में बांटकर जीडीए न केवल बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि शहर को स्मार्ट सिटी की दिशा में भी एक मजबूत कदम दे रहा है।
राजनगर एक्सटेंशन जैसे महत्वपूर्ण और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सेक्टरवार विभाजन से न केवल कार्यों की निगरानी आसान होगी, बल्कि जवाबदेही भी तय की जा सकेगी। हमने सुपरवाइजरों की जिम्मेदारी बढ़ाई है ताकि हर स्तर पर काम की समीक्षा हो और जनता को त्वरित समाधान मिल सके। इस मॉडल को हम अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
अतुल वत्स
उपाध्यक्ष, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण।
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