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- Ahmedabad Airport Tragedy; Air India London Flight Passengers | Bhoomi Chauhan
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भूमि चौहान 2 साल बाद भारत आई थीं, 12 जून को उन्हें लंदन वापस जाना था।
भरूच की रहने वाली भूमि चौहान की जान महज 10 मिनट की देरी से बच गई। 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुए प्लेन हादसे के दौरान भूमि एयरपोर्ट पर ही थीं। लेकिन लेट होने के कारण उन्हें बोर्डिंग नहीं मिली। भूमि के लिए ट्रैफिक में फंसना जीवनदान साबित हुआ।
जब तक वे एयरपोर्ट पर पहुंचीं, तब तक बोर्डिंग और चेक-इन बंद हो चुका था। उन्होंने अधिकारियों से मिन्नतें कीं, कि उन्हें फ्लाइट में जाने दिया जाए, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया।
भूमि के पति लंदन में रहते हैं, वे स्टडी वीजा पर यूके जाने के बाद छुट्टियां मनाने 2 साल बाद भारत आई थीं। 12 जून को उन्होंने वापस लंदन जाना था, लेकिन वही विमान दुर्घटना का शिकार हो गया।
एयर इंडिया के मुताबिक, विमान में सवार 230 यात्रियों में से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई थे। प्लेन में 12 लोगों में दो पायलट और 10 क्रू मेंबर शामिल थे।
भूमि बोलीं- जब प्लेन गिरा, मैं एयरपोर्ट के गेट पर थी
भूमि ने बताया कि फ्लाइट दोपहर 1.10 बजे उड़ान भरनी थी। बोर्डिंग प्रोसेस दोपहर 12.10 बजे पूरी हुई और मैं 12.20 बजे पहुंची। मैं चेक-इन गेट पर पहुंच गई थी और मैंने उनसे विमान में चढ़ने की अनुमति मांगी। मैंने उनसे कहा कि मैं जल्दी से सारी औपचारिकताएं पूरी कर लूंगी, लेकिन उन्होंने मुझे आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
फ्लाइट छूटने के बाद भूमि एयरपोर्ट से बाहर निकलने की तैयारी कर रही थीं, तभी दुर्घटना के बारे में पता चला। वे गेट पर थीं, हादसे की खबर से वे कांपने लगीं। उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा किया।
जहां प्लेन गिरा, वहां से 5 सेकेंड पहले ही निकले रश्मिन, धमाके से कार का शीशा टूटा
अहमदाबाद में रहने वाले रश्मिनभाई कार से मेघानीनगर की ओर जा रहे थे। जिस जगह प्लेन गिरा, रश्मिनभाई वहां से अपनी कार टर्न कर रहे थे। इसी दौरान जोरदार धमाका हुआ। रश्मिनभाई हादसे से करीब 50 फीट ही दूर थे। धमाके से उनकी कार के शीशे भी फूट गए थे। वहां से अपनी कार में लौटते हुए उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था।
बोइंग धुआं-धुआं हुआ, भगवद्गीता सही सलामत
विमान में एक यात्री भागवत गीता लेकर सफर कर रहे थे। अतुल्य हॉस्टल पर गिरने के बाद प्लेन के टुकड़े-टुकड़े हो गए और लोगों की लाशें जलकर सड़क पर बिखर गईं। लेकिन, भगवत गीता बिल्कुल सही सलामत प्लेन के मलबे में मिली।
जिंदा इकलौते यात्री ने बताया- दरवाजा टूटा और सीट समेत नीचे गिर गया
प्लेन हादसे में जिंदा बचे इकलौते यात्री रमेश विश्वास कुमार ने बताया कि मुझे विश्वास नहीं होता कि मैं कैसे जिंदा बाहर निकला। शायद दरवाजा टूटा और सीट समेत नीचे गिर गया। मुझे कुछ याद नहीं था। रमेश कुमार अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं।
PM मोदी ने शुक्रवार को उनसे मुलाकात की और हालचाल जाना। दोनों के बीच करीब 10 मिनट बातचीत हुई। इसके बाद रमेश ने DD न्यूज से बातचीत में कहा, PM ने उनका हालचाल जाना और पूछा कि हादसा कैसे हुआ। रमेश प्लेन की 11A सीट पर बैठे थे। हादसे के बाद वे घटनास्थल से खुद पैदल चलकर बाहर निकले। पढ़ें पूरी खबर..
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