मेडिकल कॉलेज असली है या नकली?
ज्यादातर मेडिकल कोर्सेस की पढ़ाई 3-5 साल में पूरी होती है. इतने लंबे और कठिन कोर्स के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले उसका वेरिफिकेशन करना जरूरी है.
चेक करें नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) की वेबसाइट
कैसे चेक करें:
1- NMC की वेबसाइट पर जाकर ‘List of Recognized Medical Colleges’ या ‘Undergraduate/Postgraduate Courses’ सेक्शन विजिट करें.
3- कॉलेज की मान्यता अवधि और सीटों की संख्या चेक करें. अगर मेडिकल कॉलेज लिस्ट में नहीं है तो यह संदिग्ध हो सकता है.
सत्यापित करें यूनिवर्सिटी का एक्रेडिशन
कैसे चेक करें:
1- कॉलेज की ऑफिशियल वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी का नाम देखें.
3- यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की वेबसाइट (ugc.ac.in) पर विश्वविद्यालय की मान्यता जांचें.
चेक करें NEET काउंसलिंग प्रक्रिया
भारत में MBBS, BDS और अन्य मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन केवल नीट (NEET UG/PG/SS) स्कोर और काउंसलिंग के जरिए होता है. जो मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) या राज्य काउंसलिंग अथॉरिटी यह काउंसलिंग आयोजित करती हैं.
1- MCC की वेबसाइट (mcc.nic.in) या राज्य काउंसलिंग वेबसाइट (जैसे, गुजरात में acpugmec.guj.nic.in) पर कॉलेज की सूची देखें.
2- अगर मेडिकल कॉलेज काउंसलिंग में शामिल नहीं है तो यह नकली हो सकता है.
उदाहरण: B.J. मेडिकल कॉलेज में MBBS एडमिशन NEET UG स्कोर और गुजरात NEET काउंसलिंग के आधार पर होता है.
चेक करें कॉलेज की वेबसाइट और बुनियादी ढांचा
कैसे चेक करें:
1- कॉलेज की वेबसाइट (जैसे, bjmcabd.edu.in) पर विजिट करके जानकारी की प्रामाणिकता जांचें.
3- समीक्षाएं और रैंकिंग (जैसे, NIRF) देखें.
चेक करें हॉस्पिटल और फैकल्टी
वैध मेडिकल कॉलेजों के पास NMC द्वारा अप्रूव्ड संबद्ध हॉस्टिपल और योग्य फैकल्टी होती है.
1- कॉलेज के संबद्ध हॉस्पिटल (जैसे, बीजे मेडिकल कॉलेज का सिविल हॉस्पिटल, अहमदाबाद) की जांच करें.
2- NMC की वेबसाइट पर हॉस्पिटल की मान्यता और बेड क्षमता देखें.
4- फर्जी कॉलेजों में अक्सर अपर्याप्त बुनियादी ढांचा और अनक्वॉलिफाइड स्टाफ होता है.
काम आएंगे स्टूडेंट्स के रिव्यू
कैसे करें:
1- Shiksha.com, Careers360 या Justdial जैसे प्लेटफॉर्म पर समीक्षाएं पढ़ें. B.J. मेडिकल कॉलेज को 4.8/5 रेटिंग मिली है.
3- X जैसे सोशल मीडिया पर कॉलेज से जुड़े पोस्ट चेक करें. लेकिन सावधानी बरतें क्योंकि ये हमेशा विश्वसनीय नहीं होते हैं.
काम की बात
2- ना करें एजेंट्स पर भरोसा: कई फर्जी एजेंट्स लाभ के लिए गलत जानकारी देते हैं.
4- हाल के उदाहरण: मध्यप्रदेश में NRI कोटे में फर्जी दस्तावेजों के मामले सामने आए हैं, जो फर्जीवाड़े की गंभीरता को दर्शाते हैं.
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