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Ahmedabad Air India Plane Crash: 12 जून की दोपहर अहमदाबाद के मेघानी नगर इलाके में एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्‍लेन क्रैश हो गया. इस क्रैश में प्‍लेन में सवार लगभग सभी पैसेंजर्स की मौत हो गई है. गुरुवार को हुए इस भीषण हादसे ने नए जख्‍म तो दिए ही हैं, साथ ही 37 साल पहले हुए एक अन्‍य हादसे के जख्‍मों को भी हरा कर दिया है. जी हां, आज से करीब 37 साल पहले बिल्‍कुल इसी तरह अहमदाबाद में इंडियन एयरलाइंस का प्‍लेन क्रैश हो गया था. इस प्‍लेन क्रैश में 133 पैसेंजर्स की जान चली गई थी.

रिपोर्टस के अनुसार, इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 113 एक बोइंग 737-200 प्‍लेन था, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर VT-EAH था. यह प्‍लेन दिसंबर 1970 में इंडियन एयरलाइंस को मिला था और दुर्घटना के समय तक इसने 42,831 घंटे की उड़ान और 47,647 लैंडिंग पूरी कर ली थीं. फ्लाइट के कप्तान ओएम दल्लाया और को-पायलट दीपक नागपाल अनुभवी पायलट थे. इस उड़ान में 129 पैसेंजर (124 वयस्क और 5 बच्चे) और 6 चालक दल के सदस्य (पायलट, को-पायलट और चार केबिन क्रू) सवार थे.

मुंबई से अहमदाबाद के लिए भरी थी उड़ान
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस फ्लाइट को सुबह 5:45 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रवाना होना था, लेकिन एक पैसेंजर के न आने के कारण इसमें 20 मिनट की देरी हुई. आखिरकार, प्‍लेन सुबह 6:05 बजे उड़ा और 6:20 बजे अहमदाबाद अप्रोच कंट्रोल से संपर्क किया. उस समय अहमदाबाद में मौसम खराब था. सुबह 5:40 बजे की मौसम रिपोर्ट में दृश्यता 6 किलोमीटर थी, जो 6:10 बजे तक घटकर 3 किलोमीटर और बाद में 2 किलोमीटर रह गई. धुंध के कारण दृश्यता और कम हो रही थी, जिससे लैंडिंग में जोखिम बढ़ गया था.

हाईटेंशन वायर के पोल से टकराया प्‍लेन
पायलट ने रनवे 23 के लिए लोकलाइज़र-डीएमई अप्रोच का फैसला किया. सुबह 6:47 बजे प्‍लेन ने अहमदाबाद के ऊपर से गुजरने की सूचना दी और 6:50 बजे इनबाउंड टर्न की जानकारी दी. लेकिन इसके बाद प्‍लेन से कोई संपर्क नहीं हुआ. सुबह 6:53 बजे फ्लाइट अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे 23 से 2,540 मीटर (लगभग 2.6 किलोमीटर) दूर चिलोदा कोटारपुर गांव के पास नोबल नगर हाउसिंग सोसाइटी के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गई. प्‍लेन ने पहले पेड़ों और फिर एक हाई-टेंशन बिजली के पायलन से टक्कर मारी, जिसके बाद यह आग की लपटों में घिर गया.

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जांच में ये बातें आईं थीं सामने
जांच में पाया गया कि इस हादसे का मुख्य कारण पायलटों की ओर से गलत निर्णय और खराब दृश्यता में निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन न करना था. पायलटों ने 1,000 फीट से नीचे उतरने के बाद स्टैंडर्ड कॉल-आउट नहीं किए और न ही लैंडिंग की अनुमति मांगी. वे दोनों रनवे को देखने की कोशिश में इतने व्यस्त थे कि ऊंचाई पर ध्यान नहीं दे सके. फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से पता चला कि पायलटों ने डीएमई और वीएएसआई लाइट्स का ठीक से उपयोग नहीं किया, जबकि उनके अल्‍टीमीटर्स ठीक काम कर रहे थे. इसके अलावा, अहमदाबाद एयरपोर्ट स्‍टाफ ने भी रनवे विज़ुअल रेंज की सही जानकारी नहीं दी, जो उनकी जिम्मेदारी थी.

हादसे में बची थीं सिर्फ दो जिंदगियां
इस हादसे में केवल दो पैसेंजर अशोक अग्रवाल और विनोद त्रिपाठी ही जीवित बचे थे, लेकिन दोनों गंभीर रूप से घायल थे. अशोक अग्रवाल ने अपनी 22 साल की पत्नी और 11 महीने की बेटी को खो दिया. बाद में, 2020 में उनकी मृत्यु हो गई.

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