Image Slider

3 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

सीजेआई बीआर गवई ने ऑक्सफोर्ड यूनियन में ‘फ्रॉम  रिप्रेजेन्टेशन टू रिअलाइजेशन एम्बॉडिइंग द कॉन्स्टिटूशन्स प्रॉमिस’ सब्जेक्ट पर बोल रहे थे। 

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने कहा कि भारत का संविधान सिर्फ अधिकार नहीं देता, बल्कि समाज के पिछड़े और दबे-कुचले वर्गों को ऊपर उठाने का काम भी करता है। उन्होंने यह बात ऑक्सफोर्ड यूनियन में एक प्रोग्राम के दौरान कही।

CJI ने कहा कि देश में ज्यूडिशियल एक्टिविज्म की भूमिका बनी रहेगी, लेकिन इसे इतना नहीं बढ़ाना चाहिए कि यह न्यायिक आतंकवाद का रूप ले ले।

उन्होंने कहा;-

न्यायिक सक्रियता जरूरी है, लेकिन यह इस हद तक नहीं होनी चाहिए कि यह न्यायिक आतंकवाद का रूप ले ले। कई बार ऐसा होता है कि न्यायपालिका ऐसे क्षेत्रों में घुस जाती है, जहां उसे नहीं जाना चाहिए।

QuoteImage

CJI के संबोधन की 2 बड़ी बातें…

1. न्यायपालिका को मर्यादा में रहकर हस्तक्षेप करना चाहिए CJI गवई ने कहा कि जब विधायिका और कार्यपालिका नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में असफल रहती हैं, तब न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना पड़ता है। लेकिन इस हस्तक्षेप की सीमा और मर्यादा होनी चाहिए।

2. भारत में कई दशक तक छुआछूत रहा भारत में कई दशक पहले लाखों नागरिकों को अछूत कहा जाता था। उन्हें अशुद्ध बताया जाता था। कहा जाता था कि वे इस जाति के नहीं हैं। उन्हें बताया जाता था कि वे अपनी बात खुद नहीं कह सकते। लेकिन आज हम यहां हैं, जहां उन्हीं लोगों से संबंधित एक व्यक्ति देश की न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर आसीन होकर खुलकर बोल रहा है।

CJI गवई बोले- जज जमीनी हकीकत नजरअंदाज नहीं कर सकते

CJI बीआर गवई ने 17 मई को कहा कि जज जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। वे बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान CJI गवई ने सामाजिक वास्तविकताओं को समझने और उनका जवाब देने में जजों की भूमिका पर जोर दिया।

CJI गवई ने कहा कि आज की न्यायपालिका मानवीय अनुभवों की जटिलताओं को नजरअंदाज करते हुए कानूनी मामलों को सख्त काले और सफेद शब्दों में देखने का जोखिम नहीं उठा सकती।

सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया कि न्यायपालिका में लोगों से दूरी रखना असरदार नहीं है। उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को लोगों से जुड़ने से बचना चाहिए।

जस्टिस गवई से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…

जस्टिस गवई का राजनीति में एंट्री से इनकार: बोले- रिटायरमेंट के बाद कोई पद नहीं लूंगा, देश खतरे में हो तो SC अलग नहीं रह सकता

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.आर. गवई ने रिटायर होने के बाद पॉलिटिक्स में एंट्री लेने से इनकार किया। उन्होंने कहा- CJI के पद पर रहने के बाद व्यक्ति को कोई जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए। रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा- 14 मई को बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर देश के CJI पद की शपथ लेना मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…

———-

🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।

 

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||