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• जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स की दूरदर्शिता और सक्रिय नेतृत्व में रिंग रोड प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार
• सीधे किसानों से जमीन अधिग्रहण कर बनेगा रोडमैप, राजनगर एक्सटेंशन समेत लाखों लोगों को होगा लाभ
• विवादों के बावजूद तेज हुई कार्रवाई, पिलर लगने से जमीन पर दिखने लगा प्रोजेक्ट का असर

उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद में आउटर रिंग रोड के निर्माण को लेकर एक बड़ी और निर्णायक पहल हुई है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष अतुल वत्स की सक्रियता और दूरदर्शी सोच के चलते अब यह महत्वाकांक्षी परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। उपाध्यक्ष ने 45 मीटर की बजाय 60 मीटर चौड़ी रिंग रोड के निर्माण का प्लान तैयार करने के लिए अर्जन विभाग को निर्देशित किया है, जिससे शहर को दीर्घकालिक लाभ और ट्रैफिक से राहत मिलेगी। यह निर्णय केवल तकनीकी नहीं, बल्कि रणनीतिक भी है। 2018 में बने पुराने प्लान की तुलना में नया प्रस्ताव ज़्यादा व्यापक और व्यावहारिक है, जो आने वाले वर्षों में गाजियाबाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को एक नई दिशा देगा। जोनल प्लान के अनुरूप 60 मीटर चौड़ाई पर काम शुरू कराना यह दर्शाता है कि जीडीए अब समाधान-प्रधान प्रशासन की ओर अग्रसर है।


सीधे किसानों से होगी जमीन की खरीद
जीडीए उपाध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि आउटर रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य सीधे किसानों से बातचीत और समझौते के आधार पर किया जाएगा। इससे न केवल विवादों में कमी आएगी, बल्कि किसानों को भी उनकी जमीन का उचित मूल्य और सम्मानजनक समाधान मिलेगा।

विवादित क्षेत्रों में भी दिखा निर्णायक रुख
नूर नगर, भोवापुर अटौर और शाहपुर मोरटा जैसे क्षेत्रों में भूमि विवाद के कारण काम रुका हुआ था। लेकिन अब उपाध्यक्ष के निर्देश पर अर्जन विभाग और निर्माण विभाग की संयुक्त टीम ने वहां डिमार्केशन और पिलर लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। यह दिखाता है कि जीडीए अब सिर्फ फाइलों में नहीं, जमीन पर भी बदलाव लाने को प्रतिबद्ध है।

60 मीटर रिंग रोड के लाभ:
• गाजियाबाद में ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत
• राजनगर एक्सटेंशन, मोरटा, भोवापुर जैसे क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में जबरदस्त सुधार
• आसपास के गांवों और क्षेत्रों में रियल एस्टेट और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी
• जीडीए की मास्टर प्लानिंग को मिलेगा ठोस आधार

जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स की प्रशंसा योग्य पहल
जिस प्रकार से जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने इस अटकी हुई परियोजना में जान फूंकी है, वह निश्चित रूप से प्रशंसा के योग्य है। प्रशासनिक स्तर पर दूरदर्शिता, तकनीकी पक्षों की गहरी समझ और जमीनी स्तर पर कार्यवाही  तीनों को जिस कुशलता से संतुलित किया गया है, वह गाजियाबाद जैसे तेजी से बढ़ते शहर के लिए प्रेरक उदाहरण बन सकता है।

अतुल वत्स
उपाध्यक्ष, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण।

गाजियाबाद जैसे तेजी से बढ़ते शहर के लिए एक मजबूत ट्रैफिक नेटवर्क और व्यवस्थित कनेक्टिविटी समय की आवश्यकता है। आउटर रिंग रोड इसी दिशा में एक अहम कदम है। हमने 45 मीटर के बजाय 60 मीटर चौड़ी रिंग रोड का प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए यह सड़क लंबे समय तक कारगर साबित हो। हमारा प्रयास है कि यह कार्य पारदर्शिता और सहमति के आधार पर हो। किसानों से बातचीत के माध्यम से सीधे जमीन अर्जित की जाएगी। जिन स्थानों पर विवाद हैं, वहां सुलह के प्रयास तेज किए गए हैं। हमारा लक्ष्य है कि जितनी जल्दी संभव हो, जमीन का चिन्हांकन पूरा कर निर्माण कार्य शुरू किया जाए, जिससे राजनगर एक्सटेंशन समेत आसपास की लाखों की आबादी को राहत मिल सके। मैं जीडीए की टीम, अर्जन विभाग और अभियंत्रण अनुभाग को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इस महत्वपूर्ण परियोजना को जमीन पर उतारने की दिशा में तेज गति से कार्य शुरू किया है। जनता के सहयोग से हम गाजियाबाद को एक बेहतर और आधुनिक शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अतुल वत्स
उपाध्यक्ष,
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण 

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