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47 मिनट पहले

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शनिवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI के गवर्नर टी रबि शंकर को 16वीं फाइनेंस कमीशन का पार्ट-टाइम मेंबर बनाया गया है। वित्त मंत्रालय ने स्टेटमेंट जारी कर ये जानकारी दी। वो कमीशन की रिपोर्ट सब्मिट करने तक या 31 अक्टूबर 2025 (दोनों में से जो भी पहले हो जाए) तक यह पद संभालेंगे।

उन्हें कमीशन के फुल टाइम मेंबर अजय नारायण झा की जगह यह पद दिया गया है। अजय नारायण झा ने हाल ही में निजी कारणों से इस्तीफा दिया है।

31 दिसंबर 2023 को ये कमीशन बनाई गई थी। 31 अक्टूबर 2025 तक कमीशन को अगले पांच साल के लिए अपने सुझाव सब्मिट करने हैं।

JNU, BHU से पढ़े हैं टी रबि शंकर

टी रबि शंकर ने देश के बेस्ट शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई की है। यूपी की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से उन्होंने साइंस एंड स्टैटिस्टिक्स में मास्टर्स डिग्री, इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ से डेवलपमेंट प्लानिंग में डिप्लोमा और नई दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में MPhil किया है।

पढ़ाई खत्म करने के बाद सितंबर 1990 में वो RBI के साथ एक रिसर्च ऑफिसर के तौर पर जुड़े।

IMF कंसल्टेंट भी रहे

टी रबि शंकर पिछले 30 साल से RBI के साथ जुड़े हुए हैं। वो RBI के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी रहे। इस दौरान पेमेंट्स एंड सेटलमेंट सिस्टम्स, इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड फिनटेक और रिस्क मॉनीटरिंग पर काम कर रहे थे।

2005 से 2011 के बीच वो IMF कंसल्टेंट रहे। इस दौरान उन्होंने सरकारी बॉन्ड मार्केट को बढ़ाने और डेट मैनेजमेंट को लेकर सुझाव दिए थे।

2021 में RBI के डिप्टी गवर्नर बने

3 मई 2021 को टी रबि शंकर को RBI का डिप्टी गवर्नर बनाया गया था। उन्हें बी.पी.कानूनगो की जगह तीन साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया था।

इस दौरान उन्होंने करंसी एंड फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट, इंटरनल डेट एंड पब्लिक डेट मैनेजमेंट, एक्सटर्नल इन्वेस्टमेंट एंड गवर्नमेंट अकाउंट्स, टेक्नोलॉजी, पेमेंट सिस्टम्स और रिस्क मॉनीटरिंग जैसे काम किए।

मई 2024 में उनके कार्यकाल को पहली बार एक साल के लिए बढ़ाया गया। इसके बाद अप्रैल 2025 में उनके कार्यकाल को दूसरी बार एक साल के लिए बढ़ाया गया था। वो अब मई 2026 तक यह पद संभालेंगे।

इसके अलावा वो ReBIT यानी RBI की टेक्नोलॉजी विंग के बोर्ड मेंबर भी हैं। IFTAS यानी इंडियन फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी एंड एलाइड सर्विसेज के चेयरमैन और IDRBT के मेंबर भी हैं।

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