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Banana Farming: सरकार ने एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत केले की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की है. टिशू कल्चर तकनीक से केले की खेती में कम लागत और अधिक मुनाफा होता है.

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केले की खेती से किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी

संजय यादव/बाराबंकी:  वैसे केले की खेती एक नगदी फसल है. इसकी खेती से किसानों को अच्छा खासा मुनाफा भी होता है, तो वहीं सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. एकीकृत बागवानी मिशन योजना के तहत केले की खेती को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इस योजना में किसानों को केले की खेती के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. सरकार का मानना है कि केले की खेती से किसान अच्छा लाभ ले सकते हैं.  बागवानी मिशन के अंतर्गत न केवल केले बल्कि अन्य बागवानी फसलों की खेती के लिए भी अनुदान का प्रावधान है. राज्य सरकार इस योजना के माध्यम से किसानों को बागवानी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है. यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में विविधता लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है.

केले की फसल में किसानों को कम लागत मे ज्यादा मुनाफा मिलता है. टिशू कल्चर तकनीक के माध्यम से खेती कर केले की फसल लगाने से उसमें रोग नहीं लगते हैं. केले के उत्पादन में करीब डेढ़ वर्ष का टाइम लगता है. लेकिन टिशू कल्चर तकनीक के जरिए इसके उत्पादन में केवल एक ही वर्ष का समय लगता है. एक पौधे पर करीब 10 से 12 दर्जन केले आते हैं. केले की खेती कर उन्हें बेचकर किसान बेहद ही शानदार कमाई कर सकते हैं.

वरिष्ठ उद्यान अधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि  केला रोपण का समय जून से लेकर जुलाई माह तक बढ़िया माना जाता है.  उद्यान विभाग किसानों को केले की खेती करने के लिए प्रति हेक्टेयर लागत पर 40 प्रतिशत तक अनुदान दो वर्षों में दिया जाता है. इसकी बेसिक कास्टिंग एक लाख रुपए के आसपास होती है. पहले साल 30 हजार रुपए वहीं दूसरे साल 10 हजार रुपए अनुदान मिलता है. पहले साल वृक्षारोपण सामग्री पर दूसरे साल उर्वरक जैविक रासायनिक पर दिया जाता है. रोपण के लिए कई टिश्यू कल्चर केले के नर्सरी तैयार करने वाले फर्म और कंपनियां हैं, जो बाराबंकी और  लखनऊ में स्थित हैं.  वहां जाकर पौधे खरीद सकते हैं. एक पौधे की कीमत लगभग 18 से 20 रुपए होती है 1 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 3500 पौधे का रोपण किया जाता है. इस वर्ष 90 हेक्टेयर का लक्ष्य जनपद के लिए मिला है. जिसके लिए चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ऑनलाइन पंजीकरण हमारे पोर्टल पर किसान करा सकते हैं. प्रथम आओ प्रथम पाओ  के आधार पर उनका चयन किया जाएगा और उन्हें समय से वृक्षारोपण का सत्यापन कराकर अनुदान की धनिराशि उपलब्ध करा दी जाएगी.

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किसान इस तरीके से करें केले की खेती, बन जाएंगे मालामाल! मिल रहा 40% का अनुदान

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