जवान की मां देबंती देवी साहू ने सरकार से बेटे को वापस लाने की गुहार लगाई है।
पहलगाम आतंकी हमले के अगले दिन पंजाब के फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा से पकड़े गए BSF जवान पीके साहू अब भी पाकिस्तानी रेंजर्स की गिरफ्त में हैं। घटना को 4 दिन बीत चुके और 3 बार फ्लैग मीटिंग भी हो चुकी हैं, लेकिन जवान की रिहाई नहीं हो सकी।
इस पर पाकिस्तानी रेंजर्स का कहना है कि जब तक उन्हें हाई कमांड से निर्देश नहीं मिलते, वे जवान को रिहा नहीं कर सकते।
मामला सामने आने के बाद शुक्रवार शाम को BSF के डायरेक्टर जनरल (DG) दलजीत सिंह चौधरी ने केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन से भी इस बारे में बातचीत कर इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाया।
इधर, जवान के परिजन भी परेशान हैं। उन्होंने भारत सरकार से जवान को वापस लाने की गुहार लगाई है। उनकी मां देबंती देवी साहू और पिता भोलेनाथ साहू ने कहा है कि बेटा सुरक्षित घर आ जाना चाहिए। उसकी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। ध्यान रखना कि उसे टॉर्चर न किया जाए।
पाकिस्तानी मीडिया में BSF के जवान पीके साहू की ये तस्वीरें शेयर की गई हैं।
जवान की गिरफ्तारी कैसे हुई…
- जीरो लाइन क्रॉस की, पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ा: श्रीनगर से आई BSF की 24वीं बटालियन फिरोजपुर के ममदोट सेक्टर में तैनात है। बुधवार (23 अप्रैल) सुबह किसान अपनी कंबाइन मशीन लेकर खेत में गेहूं काटने गए थे। यह खेत फेंसिंग पर लगे गेट नंबर-208/1 के पास था। किसानों की निगरानी के लिए 2 BSF जवान भी उनके साथ थे। इसी समय जवान पीके साहू की तबीयत बिगड़ी और पेड़ के नीचे बैठने के लिए चले गए। पेड़ बॉर्डर पार था। तभी पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें घेरकर पकड़ लिया और उसके हथियार भी छीन लिए।
- BSF अफसर मौके पर पहुंचे, छोड़ने से इनकार किया: जैसे ही BSF के बड़े अफसरों को जवान पीके साहू के पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा पकड़े जाने की यह खबर मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और पाकिस्तानी रेंजर्स से बातचीत शुरू की। उन्हें बताया गया है कि यह जवान कुछ दिन पहले ट्रांसफर होकर आया था। उसे जीरो लाइन का पता नहीं था। वह गलती से जीरो लाइन क्रॉस कर गया था। उसे रिहा करने के लिए कहा गया, लेकिन पाकिस्तानी रेंजर्स ने इनकार कर दिया।
- 3 फ्लैग मीटिंग हुई, कोई नतीजा नहीं निकला: भारत की ओर से लगातार फ्लैग मीटिंग के जरिए जवान पीके साहू को वापस लाने की कोशिश की गई। BSF के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स से अब तक 2 से 3 फ्लैग मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया।
कोलकाता के रहने वाले, परिवार परेशान पीके साहू के घर में मातम पसरा हुआ है। कोलकाता के हुगली जिले के रहने वाले साहू 17 वर्षों से BSF में सेवाएं दे रहे हैं। उनके माता-पिता, पत्नी रजनी साहू और 7 साल के बेटे के साथ रहते हैं।
पत्नी ने कहा, “मैंने अंतिम बार मंगलवार रात को उनसे (पीके साहू से) बात की थी। अब बस यही चाहती हूं कि वह जल्द से जल्द सुरक्षित घर लौट आएं।”
वहीं, उनके भाई श्याम सुंदर साहू ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि भाई को जल्द छुड़वाने में मदद करे। वहीं, उनके माता-पिता ने भी कहा कि बेटा सही-सलामत घर लौट आए। कृपया उसे किसी तरह की यातना न दी जाए।
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