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पीड़ित दुल्हनों के मुताबिक शादी के बाद उन्हें घर पर छोड़कर उनके पति मुंबई व गुरुग्राम भाग गए हैं. वहां जाकर उन्होंने पत्नी के साथ संपर्क भी खत्म कर दिया है.
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महिला थाना
झांसी: इनदिनों शादी करके पत्नी को माता-पिता की सेवा के लिए घर छोड़कर बड़े शहरों में बसने का चलन बुंदेलखंड में बढ़ता जा रहा है. थानों में लगातार इस तरह की शिकायते पहुंच रही हैं. दो दुल्हनों की शिकायतों से शुरू हुआ सिलसिला अब दस तक पहुंच गया है. दूसरी तरफ शिकायतों के आधार पर पुलिस की सख्ती के चलते अभी तक दो दूल्हे घर वापसी कर चुके हैं, जबकि दो दूल्हों को एक सप्ताह के अंदर वापस लेकर आने की प्रक्रिया जारी है.
पति छोड़ कर गए
पीड़ित दुल्हनों के मुताबिक शादी के बाद उन्हें घर पर छोड़कर उनके पति मुंबई व गुरुग्राम भाग गए हैं. वहां जाकर उन्होंने पत्नी के साथ संपर्क भी खत्म कर दिया है. इनमें एक साल से लेकर दस साल तक शादी की अवधि पूरी कर चुकी महिलाएं हैं. अब पुलिस से इनमें से कई महिलाओं ने अपने पति व ससुराल पक्ष वालों से पीछा छुड़ाने तक की गुहार लगाई है. पीड़ितों में मोंठ, चिरगांव, मऊरानीपुर, शांगी, गरौठा आदि स्थानों की गहिलाएं शामिल हैं. ज्यादातर तालपुरा और मऊरानीपुर की महिलाएं हैं.
रोजगार न मिलने का बहाना बना रहे हैं दूल्हे
युवाओं का कहना है कि बुंदेलखंड में रोजगार नहीं है. शादी तो कर ली, लेकिन बीबी को कहां रखेंगे और क्या खिलाएंगे. वहां पर रोजगार नहीं है, इसलिए काम धंधे के चक्कर में मुंबई और दिल्ली भाग रहे हैं. वहां रहकर वह अपना भरणपोषण तो कर लेंगे. बुंदेलखंड तो पूरी तरह से सूखाग्रस्त इलाका है. फसल कटने के बाद ग्रामीण इलाका सूनापन नजर आता है.
पति छोड़ कर गए
पीड़ित दुल्हनों के मुताबिक शादी के बाद उन्हें घर पर छोड़कर उनके पति मुंबई व गुरुग्राम भाग गए हैं. वहां जाकर उन्होंने पत्नी के साथ संपर्क भी खत्म कर दिया है. इनमें एक साल से लेकर दस साल तक शादी की अवधि पूरी कर चुकी महिलाएं हैं. अब पुलिस से इनमें से कई महिलाओं ने अपने पति व ससुराल पक्ष वालों से पीछा छुड़ाने तक की गुहार लगाई है. पीड़ितों में मोंठ, चिरगांव, मऊरानीपुर, शांगी, गरौठा आदि स्थानों की गहिलाएं शामिल हैं. ज्यादातर तालपुरा और मऊरानीपुर की महिलाएं हैं.
रोजगार न मिलने का बहाना बना रहे हैं दूल्हे
युवाओं का कहना है कि बुंदेलखंड में रोजगार नहीं है. शादी तो कर ली, लेकिन बीबी को कहां रखेंगे और क्या खिलाएंगे. वहां पर रोजगार नहीं है, इसलिए काम धंधे के चक्कर में मुंबई और दिल्ली भाग रहे हैं. वहां रहकर वह अपना भरणपोषण तो कर लेंगे. बुंदेलखंड तो पूरी तरह से सूखाग्रस्त इलाका है. फसल कटने के बाद ग्रामीण इलाका सूनापन नजर आता है.
दोषियों को वापस लाया जाएगा
लोकलाज के डर से सामाजिक व पारिवारिक दबाव के कारण महिलाएं कई साल से शादियां निभा रही हैं, जबकि उनके दूल्हे भाग चुके हैं. वे अपनी पत्नियों से संपर्क भी खत्म कर चुके हैं, जो कानूनी व इंसानियत दोनों तौर पर गलत है. अब धीरे-धीरे महिलाएं शिकायत करने लगी हैं. महिला थाना प्रभारी ने बताया कि कई परिवार और दूल्हे वापसी के लिए समय मांग चुके हैं. हर एक ऐसे दोषी को वापस लाया जाएगा.
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