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Pahalgam Hindi Massacare: पहलगाम की घाटी में आतंकियों की बरर्बरता में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई. हर जगह खबरें चल रही हैं कि आतंकियों ने टूरिस्टों को मारने से पहले कलमा पढ़वाया गया, जो पढ़ नहीं पाया उसे सीधे गोली मार दी गई. मगर, एक खुलासे ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. दरअसल, आतंकियों ने टूरिस्टों को मारने से पहले मुस्लिम होने की सबूत ली. कलमा पढ़वाया.. फिर इससे उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने उनकी पैंट उतरवा दी और उनका खतना चेक किया. फिर गोली मार दी.

मौके पर पहुंची टीम ने बताया कि आतंकियों के गोलियों से छलनी शवों की जांच की. इसमें पहलगाम हमले के लगभग 20 पीड़ितों (सभी पुरुष) की पैंट खुली हुई या खींची हुई पाई गई. इससे साफ पता चलता है कि आतंकवादियों ने कई लोगों को गोली मारने से पहले उनके धर्म को चेक किया. दरअसल, मुस्लिम धर्म में खतना होता है, इससे मुसलमान होने का पहचान आसानी से किया जा सकता है.

जबरन उतारे गए कपड़े
भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों वाली एक टीम ने बताया कि 27 पीड़ितों में से 20 के शरीर के निचले हिस्से से कपड़े जबरन उतारे गए थे, उनकी पैंट की ज़िप खोली गई थी, पैंट नीचे खींची गई थी, जिससे उनके अंडरवियर या निजी अंग दिखाई दे रहे थे. पीड़ितों के परिजन शायद इतने सदमे में थे कि उन्होंने शवों पर कपड़ों की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया. यहां तक ​​कि कर्मचारियों ने भी शवों को वैसे ही उठाया, जैसे वे थे, बस उन्हें कफन से ढक दिया.

पुराने समय की तरह धर्म की पहचान
शवों की गहन जांच करने वाले अधिकारियों की टीम की इस पर ध्यान गया. दरअसल, एफआईआर में शव के बारे में बारीकी से ध्यान देना होता है, तो संभवतः इसी वजह से जांच टीम की नजर गई होगी. आतंकवादियों ने पुरुष (पीड़ितों) को पुराने समय की तरह बर्बरता के साथ धर्म की पहचान की गई. आतंकियों ने उनके निचले कपड़ों को खोलकर, केवल उनकी आस्था स्थापित करने के लिए उनका परीक्षण किया गया था.

पहचान मांगे थे
प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों ने भी पुष्टि की है कि आतंकवादियों ने प्रत्येक पीड़ित की आस्था की जांच की थी. उनके पहचान प्रमाण जैसे आधार कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस आदि मांगे थे, उन्हें कलमा पढ़ने का आदेश दिया था. उन्हें अपने निचले वस्त्र उतारने के लिए कहा था ताकि वे खतना की जांच कर सकें. इन 3 जांच के माध्यम से उनकी हिंदू पहचान हुई. फिर, आतंकवादियों ने पीड़ितों को करीब से गोली मार दी. मंगलवार के हमले में मारे गए 27 लोगों में से 25 हिंदू थे, वे सभी पुरुष थे.

70 ओवरग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ
इस बीच, हत्याकांड की जांच में तेजी आई है. सूत्रों के अनुसार, त्राल, पुलवामा, अनंतनाग और कुलगाम जैसे विभिन्न स्थानों से लगभग 70 ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) और ज्ञात आतंकी समर्थकों से जम्मू-कश्मीर पुलिस, खुफिया ब्यूरो और रॉ अधिकारियों की एक संयुक्त टीम पूछताछ कर रही है.

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