Image Slider

नई दिल्‍ली. पाकिस्‍तान ने पुलवामा में आतंकी हमला कराया तो भारत ने जवाब आग बरसाते गोले-बारूद और बंदूकों से दिया. अब 6 साल बाद फिर पहलगाम में आतंकी हमला कराया है तो इस बार जवाब पानी से दिया जाएगा. भारत सरकार ने 65 साल पुरानी सिंधु नदी को लेकर संधि को तोड़कर पाकिस्‍तान के लिए इस नदी का पानी रोकने का फैसला किया है. लेकिन, क्‍या यह फैसला सच में पाकिस्‍तान को उतना नुकसान और चोट पहुंचा सकेगा कि वह गोले-बारुद और बंदूकों की चोट से ज्‍यादा हो. आखिर सिंधु नदी का पानी पाकिस्‍तान के लिए कितना अहम है.

पाकिस्‍तान पहले से ही भुखमरी और कंगाली से जूझ रहा है. राशन के पीछे भागते लोगों के वीडियो तो सोशल मीडिया पर भरे पड़े हैं. पाकिस्‍तान का खजाना भी खाली है और पहले से लिए गए कर्ज का ब्‍याज भरने के लिए आज भी आईएमएफ से बेलआउट पैकेज का इंतजार कर रहा है. कंगाली के दौर में अगर भारत ने सच में उसके लिए सिंधु नदी का पानी बंद कर दिया तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि पाकिस्‍तान मछली की तरह तड़प उठेगा.

ये भी पढ़ें – इंटरव्‍यू में चीटिंग के लिए बनाया एआई टूल तो कॉलेज ने निकाल दिया, अब मिली 45 करोड़ की फंडिंग

पानी बंद करना कितना आसान
पाकिस्‍तान को होने वाले नुकसान पर चर्चा करने से पहले यह समझ लेते हैं कि आखिर भारत के लिए सिंधु नदी का पानी बंद करना कितना आसान है. फिलहाल हमारे पास ऐसा कोई इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर नहीं है कि अगले कुछ साल तक हम सिंधु नदी का पानी रोक सकें या उसे मोड़कर अपने लिए इस्‍तेमाल कर सकें. इस तरह का इन्‍फ्रा तैयार होने में 3 से 5 साल का समय लग जाएगा. इससे एक बात तो जाहिर है कि पाकिस्‍तान पर तत्‍काल इस फैसले असर तो नहीं पड़ने जा रहा.

पानी बंद तो कितना होगा असर
अगर मोदी सरकार ने ऐसा फैसला कर ही लिया है कि सिंधु नदी का पानी बंद कर दिया जाएगा और इसके लिए कुछ साल में इन्‍फ्रा भी तैयार कर लेती है तो पाकिस्‍तान के 3 सेक्‍टर को सबसे बड़ा नुकसान होगा. उसकी खेती बिना पानी के डूब जाएगी और भयंकर बिजली संकट पैदा होगा. शहरों का विकास रुक जाएगा और पाकिस्‍तान की आधी से ज्‍यादा आबादी बिना पानी के मछली की तरह तड़प उठेगी. जाहिर है कि सरकार और आतंकियों के इस नापाक कृत्‍य का सारा खामियाजा वहां की जनता को भुगतना पड़ेगा.

सिंधु नदी का पाकिस्‍तान के लिए मायने
साल 1960 में जब विश्‍व बैंक की मौजूदगी में भारत और पाकिस्‍तान ने 9 साल तक चली बातचीत के बाद सिंधु नदी समझौता किया था तो दोनों देशों के हिससे 3-3 नदियां आईं. सिंधु नदी जब भारत की सीमा में आती है तो 6 धाराओं में बदल जाती है. इसमें से पूर्वी धारा से बनी रावी, ब्‍यास और सतलुज नदियां भारत को मिली और पश्चिमी धारा से बनी इंडस, झेलम और चिनाब नदियां पाकिस्‍तान के हिस्‍से गईं. संधि के तहत भारत को कुल पानी का महज 20 फीसदी हिस्‍सा मिला और पाकिस्‍तान को 80 फीसदी पानी दिया गया. हालांकि, भारत को पश्चिमी नदियों के पानी का इस्‍तेमाल हाइड्रोपॉवर यानी बिजली के प्‍लांट लगाने के लिए करने की छूट दी गई और यही वजह है कि सरकार जम्‍मू-कश्‍मीर में 2 जलविद्युत परियोजनाओं पर काम भी कर रही है, जिस पर पाकिस्‍तान आपत्ति जता चुका है.

दाने-दाने को होगा मोहताज
इंडस नदी का पानी रुक गया तो पाकिस्‍तान की खेती पूरी तरह चौपट हो जाएगी. पाकिस्‍तान की 80 फीसदी खेती वाली जमीन की सिंचाई इसी पानी से होती है, जो करीब 1.6 करोड़ हेक्‍टेअर जमीन को सींचकर फसल उगाती है. बिना इस नदी के पानी के 80 फीसदी खेती पर असर पड़ेगा और भुखमरी का संकट गहरा हो जाएगा. पूरे देश में अनाज का भयंकर संकट पैदा होगा और लाखों लोग दाने-दाने के लिए मोहताज हो जाएंगे. इस नदी के 93 फीसदी पानी का उपयोग सिंचाई में होता है और इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि पाकिस्‍तान में खेती पर इसका कितना असर पड़ेगा. गेहूं, चावल, गन्‍ना और कपास की पैदावार पूरी तरह ठप पड़ सकती है.

अंधेरे में डूब जाएंगे शहर
इंडस नदी के जल का इस्‍तेमाल पाकिस्‍तान बड़े पैमाने पर बिजली बनाने में भी करता है. देश के 2 सबसे बड़े हाइड्रोपॉवर प्‍लांट तरबेला और मंगला इसी नदी के पानी पर निर्भर करते हैं. जाहिर है कि इन पॉवर प्‍लांट को पानी नहीं मिलने पर भयंकर बिजली संकट पैदा हो जाएगा, जिनका असर निश्चित रूप से उद्योग धंधों पर भी दिखेगा. इंडर नदी का वॉटर सिस्‍टम पाकिस्‍तान की 25 फीसदी जीडीपी को सपोर्ट करता है. पाकिस्‍तान पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े जल संकट वाले देशों में शामिल है. इंडस नदी का पानी बंद हुआ तो यह संकट अकाल का रूप ले लेगा.

24 करोड़ पाकिस्‍तानियों पर असर
करांची से लाहौर और मुल्‍तान तक इस नदी के किनारे बसे कई बड़े शहरों पर कहर टूट पड़ेगा, क्‍योंकि इन शहरों में जलापूर्ति सीधे इसी नदी से की जाती है. इंडस बेसिन के किनारे बसी पाकिस्‍तान की 61 फीसदी यानी करीब 23.7 करोड़ जनसंख्‍या के सामने अकाल जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी. शहरी पानी की सप्‍लाई लगभग बंद हो जाएगी और शहरों में अराजकता की स्थिति पैदा होगी. उद्योग-धंधे और घरों में भी संकट पैदा होगा.

धराशायी हो जाएगी पाक जीडीपी
जैसा कि पहले ही बताया इंडस वॉटर सिस्‍टम पाकिस्‍तान की जीडीपी में 27 फीसदी हिस्‍सेदारी देता है. बिजली संकट पैदा होने से उद्योगों पर ताले लगने की नौबत आ जाएगी और बेरोजगारी बढ़ जाएगी. लोगों का पलायन भी बढ़ना शुरू हो जाएगी. इसके अलावा लोन डिफॉल्‍ट भी बढ़ेगा और पूरी जीडीपी धराशायी होने की कगार पर पहुंच जाएगी. कुलमिलाकर पहले से दबाव में चल रही पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था भारत के इस कदम से पूरी तरह बिखर सकती है.

———-

🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।

 

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||