Image Slider

Pahalgam Attack Pakistani Reaction: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, अमृतसर के अटारी एकीकृत चेकपोस्ट पर एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला. पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद जमील, जो भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने के आदेश के बाद अपने वतन लौट रहे हैं. इस दौरान मीडिया ने उनसे पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोष के बारे में पूछा. इसपर उन्होंने कहा कि खून किसी भी बहे गलत है. चाहे वह खून मेरा हो या किसी का. खून सबके दिल (शरीर) में है, और दिल सबका धड़कता है… इस पर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं… मुझे जाने दीजिए देर हो रही है. उनकी यह बात दिल को छूने वाली थी, जो सीमाओं से परे इंसानियत की पुकार को दर्शाती है.

अटारी (भारत-पाकिस्तान बॉर्डर) पर जमील की यह बात गुरुवार को सामने आई. जमील अपने देश पाकिस्तान वापस लौट रहे थे. दरअसल, पहलगाम में आतंकी हमले के बाद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है. भारत ने न केवल पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने का फैसला किया, बल्कि दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी. कई शहरों में हाई अलर्ट जारी कर दिया.

हम यहां प्यार और भाईचारे के लिए आए थे
मोहम्मद जमील, जो भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए थे. सरकार के इस आदेश के बाद अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौट रहे थे. सोशल मीडिया पर वायरल रील में जमील एएनआई और पीटीआई से बात करते हुए नजर आ रहे थे. इस वीडियो में वह अपनी पीड़ा और निराशा व्यक्त करते हुए नजर आ रहे थे. उन्होंने कहा, ‘हम यहां प्यार और भाईचारे के लिए आए थे, लेकिन अब हमें वापस जाना पड़ रहा है. हिंसा और खूनखराबा किसी का भी हो, यह गलत है. हमें शांति चाहिए, न कि नफरत.’

भारत से लौट रहे पाकिस्तानियों के चेहरे पर उदासी
जमील की तरह कई अन्य पाकिस्तानी नागरिक भी अटारी चेकपोस्ट पर अपने देश लौटते दिखे. उनके चेहरों पर उदासी और अनिश्चितता साफ झलक रही थी. कुछ ने बताया कि वे भारत में अपने परिवार, दोस्तों या कारोबार के सिलसिले में आए थे. लेकिन, अचानक आए इस आदेश ने उनकी जिंदगी को उलट-पुलट कर दिया.

अटारी पर सुरक्षा सख्त
बता दें कि अटारी चेकपोस्ट पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है. भारतीय अधिकारियों द्वारा सभी लौटने वाले नागरिकों की कड़ी जांच की जा रही है. भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक तनाव अपने चरम पर है. पहलगाम हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है. भारत इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ कर देख रहा है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तल्खी और बढ़ गई है.

दो देशों के बीच दब गई आवाज
मोहम्मद जमील की यह छोटी सी बात, ‘खून किसी का भी बहे, वो गलत है’ न केवल उनकी मानवीय सोच को दर्शाती है, बल्कि यह भी याद दिलाती है कि सीमाओं और राजनीति से परे है. इंसानियत की एक साझा भाषा होती है. लेकिन मौजूदा हालात में, जब दोनों देश तनाव के दौर से गुजर रहे हैं, यह आवाज शायद कहीं दब सी गई है.

———-

🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।

 

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||