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Firozabad History: फिरोजाबाद जिसे पहले चंद्रवाड़ कहा जाता था, राजा चंद्रसेन की नगरी थी. मुगलकाल में फिरोजशाह ने इसका नाम फिरोजाबाद रखा. यह शहर कांच की चूड़ियों और अन्य आइटमों के लिए विश्वविख्यात है.

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कांच

कांच का शहर फिरोजाबाद

हाइलाइट्स

  • फिरोजाबाद को कांच की नगरी के नाम से जाना जाता है.
  • राजा चंद्रसेन की नगरी चंद्रवाड़ का इतिहास पुराना है.
  • यहां से कांच का करोड़ों का कारोबार विदेशों तक होता है.

धीर राजपूत/ फिरोजाबाद : राजा चंद्रसेन की नगरी चंद्रवाड़ का इतिहास काफी पुराना रहा है. मुगलशासन काल में इस शहर को नया नाम मिला, लेकिन इस शहर की एक और पहचान है, जो दुनियाभर में इसे खास बनाती है. यहां के लोगों की कलाकारी से कांच के विभिन्न आइटम तैयार किए जाते हैं. जिससे इस शहर को कांच की नगरी के नाम से भी जाना जाता है.आज इस शहर को फिरोजाबाद के नाम से जाना जाता है और यहां से कांच का करोड़ों का बिजनेस भी होता है. वहीं राजा चंद्रसेन का किला भी यहां मौजूद है, जो पर्यटक का केंद्र बना हुआ है.

1541 से शुरु हुआ था राजा चंद्रसेन का शासन, फिरोजाशाह के नाम पर बना फिरोजाबाद

फिरोजाबाद के इतिहासकार डॉ ए.बी चौबे ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि फिरोजाबाद शहर का इतिहास काफी लंबा रहा है. ये शहर कभी राजा चंद्रसेन की नगरी चंद्रवाड़ हुआ करता था, शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर यमुना किनारे राजा चंद्रसेन की नगरी बसी हुई थी. यमुना नदी के जरिए राज्य का व्यापार हुआ करता था. सन् 1541 में राजा चंद्रसेन का शासनकाल शुरु हुआ और 1581 तक बड़े समृद्ध तरीके से शासन चला. इसके बाद 1566 में अकबर के शासनकाल में इस नगरी में अकबर के मंत्रियों के साथ लूटपाट की हुई, जिसके बाद अकबर ने अपने अपने मंसबदार फिरोजशाह को यहां भेज दिया. जिसने चंद्रवाड़ के पास फिरोजाबाद नगरी के नाम से इस शहर की स्थापना की.जिसके बाद आज भी इस शहर को फिरोजाबाद के नाम से जाना जाता है.

120 साल पहले बनना शुरु हुई चूड़ियां, रेट और सोड़ा से बनाई गई चूड़ियां

इतिहासकार ने बताया कि फिरोजाबाद को राजा चंद्रसेन की नगरी के नाम से पहचान तो मिली लेकिन इसको और खास बना दिया. यहां के लोगों की कलाकारी ने. आज से लगभग 120 साल पहले फिरोजाबाद में कांच के आइटमों को बनाने की शुरुआत हुई. कांच से पहली बार चूड़ी तैयार करने के लिए हाजी उस्ताद रुस्तम ने इसकी शुरुआत की. इसके बाद धीरे धीरे इस शहर में लोग चूड़ी और कांच के विभिन्न आइटम तैयार करने लगे. इसी हुनर की वजह से फिरोजाबाद को कांच की नगरी का नाम दिया गया. यहां कांच से गिलास, बोतल और होम डेकोरेशन के आइटम तैयार किए जाने लगे. जिससे इस शहर को विश्वभर में प्रसिद्दि भी मिल गई. आज यह शहर कांच उद्योग के लिए विश्वविख्यात है और यहां से विदेशों तक करोड़ो रुपए का कारोबार होता है.

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फिरोजाबाद शहर कैसे बना कांच की नगरी? विदेशों तक है फेमस, यहां जानिए इतिहास

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