अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.
विश्व हिंदू परिषद
- अयोध्या में त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम आयोजित हुआ.
- कार्यक्रम का मकसद युवाओं को पराक्रमी बनाना था.
- हिंदू समाज को आत्मरक्षा और पराक्रम के लिए तैयार किया गया.
अयोध्या: धर्मनगरी अयोध्या एक बार फिर बजरंगियों की हुंकार से गूंज उठी. यहां विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की ओर से त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम अयोध्या के एक निजी गेस्ट हाउस में संपन्न हुआ. इस मौके पर राम मंदिर ट्रस्ट के मंदिर व्यवस्थापक और विहिप के केंद्रीय मंत्री गोपाल राव मौजूद रहे. रंगमहल पीठाधीश्वर रामशरण दास ने भी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की.
शस्त्र और शास्त्र दोनों ही जरूरी
त्रिशूल दीक्षा कार्यक्रम का मकसद था युवाओं को पराक्रमी बनाना और उन्हें धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा के लिए तैयार करना. गोपाल राव ने कहा कि अगर हमें हिंदुओं के पलायन को रोकना है, तो उन्हें साहसी और पराक्रमी बनाना होगा. उन्होंने पश्चिम बंगाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे विहिप और बजरंग दल ने वहां लोगों की रक्षा की और देशभर में विरोध प्रदर्शन किए.
उन्होंने कहा कि त्रिशूल केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि आत्मरक्षा और पराक्रम का प्रतीक है. हमें हर हाथ में शास्त्र और शस्त्र दोनों की जरूरत है. कार्यक्रम में मौजूद युवाओं को संकल्प दिलाया गया कि वे धर्म, समाज और राष्ट्र की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहें.
कार्यक्रम में यह संदेश भी दिया गया कि हिंदू समाज अब डरकर नहीं, डटकर रहेगा. त्रिशूल दीक्षा के जरिए युवाओं में आत्मबल, साहस और जागरूकता पैदा करना ही इसका मुख्य उद्देश्य था.
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