-जीडीए उपाध्यक्ष ने 32 आपत्तियों पर किया विचार-विमर्श, बोर्ड में रखेंगे
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद, मोदीनगर और लोनी के समग्र विकास की नींव अब और मजबूत होने जा रही है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा तैयार की जा रही महायोजना-2031 अब अपने निर्णायक और अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। यह योजना केवल इमारतों, सड़कों या प्लॉटों की बात नहीं करती, बल्कि आने वाले वर्षों में पूरे क्षेत्र के सामाजिक, भौगोलिक और आर्थिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सोमवार को जीडीए सभागार में इस महायोजना के प्रारूप पर प्राप्त जनता की आपत्तियों और सुझावों को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने की। यह बैठक सिर्फ औपचारिक चर्चा नहीं, बल्कि जनभागीदारी को प्राथमिकता देते हुए एक समावेशी और व्यवहारिक विकास मॉडल की रूपरेखा तय करने की एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। इसमें गाजियाबाद, मोदीनगर और लोनी के नागरिकों की प्रतिक्रियाओं को आधार बनाकर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आने वाली पीढिय़ों को एक सुव्यवस्थित, स्मार्ट और सतत विकासयुक्त शहर मिल सके।
28 मार्च से 11 अप्रैल तक आम नागरिकों से महायोजना के प्रारूप पर आपत्तियाँ और सुझाव मांगे गए थे, जिसमें कुल 32 प्रतिक्रियाएं जीडीए को प्राप्त हुईं। इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा कि महायोजना-2031 गाजियाबाद, मोदीनगर और लोनी के सुनियोजित और संतुलित विकास का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। हम चाहते हैं कि यह योजना केवल सरकारी कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि इसमें आम नागरिकों की जरूरतों और अपेक्षाओं को प्राथमिकता दी जाए। इसी सोच के तहत जनता से मिले सुझावों और आपत्तियों पर गंभीरता से विचार किया गया है।
समिति की अनुशंसा को जीडीए की आगामी बोर्ड बैठक में अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि योजना को अंतिम रूप देकर शासन को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जा सके। हमारा लक्ष्य एक ऐसा शहर बनाना है जो सुविधाजनक, सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार हो। बैठक में जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह, एडीएम एलए विवेक मिश्रा, नगर निगम के अधिशासी अभियंता, नगर नियोजक, उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख नगर एवं ग्राम नियोजक, नगर आयुक्त समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
महायोजना-2031
यह योजना गाजियाबाद, मोदीनगर और लोनी के आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और हरित क्षेत्रों के संतुलित विकास के लिए नीति निर्धारण दस्तावेज है। इसमें आने वाले वर्षों में सड़कों का विस्तार, ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, हरित क्षेत्र, पर्यावरण संरक्षण और शहरी सुविधाओं को वैज्ञानिक तरीके से शामिल किया गया है।
गंभीरता से लिया गया जनता का मत
बैठक के बाद जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा कि जनता की राय हमारे लिए सर्वोपरि है। महायोजना सिर्फ एक डॉक्युमेंट नहीं, बल्कि लाखों लोगों के जीवन से जुड़ी दिशा है। समिति की अनुशंसा को आगामी बोर्ड बैठक में अनुमोदन के लिए रखा जाएगा, ताकि हम इसे अंतिम रूप दे सकें और शासन को अगली कार्रवाई के लिए भेजा जा सके।
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||