उधर रॉबर्ट वाड्रा दूसरे दिन ईडी दफ्तर पहुंच गए हैं. इस दौरान उनकी पत्नी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी भी साथ दिखीं. लैंड डील केस में सवालों का जवाब देने के लिए वाड्रा जहां ईडी ऑफिस के अंदर चले गए, वहीं प्रियंका वहीं बाहर वेटिंग रूम में बैठ गईं.
ED की चार्जशीट में सोनिया-राहुल पर क्या आरोप?
इससे पहले ईडी ने ‘नेशनल हेराल्ड’ केस में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और कई कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. ईडी के आरोपपत्र में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेताओं ने इसकी मूल कंपनी एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति ‘हड़पने’ के लिए ‘आपराधिक साजिश’ रची थी और इसके लिए उन्होंने 99 प्रतिशत शेयर महज 50 लाख रुपये में अपनी उस निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ को ट्रांसफर कर दिए. इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सबसे अधिक शेयर हैं.
ईडी ने इस मामले में 661 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है. उधर 15 अप्रैल को रॉबर्ट वाड्रा से हरियाणा के शिखोपुर जमीन सौदे में 6 घंटे तक पूछताछ की गई. वहीं मंगलवार को उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
ईडी के खिलाफ कांग्रेस का देशभर में हल्लाबोल
कांग्रेस ने ED की इस कार्रवाई को ‘मोदी सरकार की साजिश’ बताया है. कांग्रेस ने आज सभी राज्यों में ED दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन का ऐलान किया है, जिसमें सांसद, विधायक और कार्यकर्ता शामिल होंगे. पार्टी का कहना है कि यह कार्रवाई गांधी परिवार को बदनाम करने की कोशिश है.
पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यह लोकतंत्र पर हमला है. नेशनल हेराल्ड, जिसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1938 में शुरू किया था, स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है. मोदी सरकार इसे निशाना बनाकर कांग्रेस को कमजोर करना चाहती है.’
‘गांधी-नेहरू की संपत्ति नहीं थी नेशनल हेराल्ड’
नेशनल हेराल्ड मामले पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने गांधी परिवार पर प्रहार किया है. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी बहुत परेशान है. वे पूरे देश में विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं. उन्हें विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन जमीन लूटने का अधिकार नहीं है. नेशनल हेराल्ड के शुरुआत में 5000 शेयरधारक थे, यह कभी गांधी-नेहरू की संपत्ति नहीं थी.’
नेशनल हेरल्ड केस में कब क्या हुआ?
अगस्त 2014: ED ने मनी लॉन्डरिंग का केस दर्ज किया
दिसंबर 2015: कोर्ट से सोनिया, राहुल को जमानत मिली
2023-24:ED ने संपत्ति जब्त करने की शुरुआत की
अप्रैल 2025: 661 करोड़ की संपत्ति के लिए ED का नोटिस
15 अप्रैल 2025: ED ने पहली चार्जशीट दाखिल की
वाड्रा बोले ‘सियासी प्रतिशोध’ का केस
उधर रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील केस में सवालों का जवाब देने के लिए लगातार दूसरे दिन ईडी दफ्तर पहुंच गए हैं. इस दौरान राबर्ट वाड्रा ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे लगता है कि लोगों को अब एजेंसियों पर भरोसा नहीं रहा क्योंकि देश में हर कोई यह समझ गया है कि ईडी और अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग उन लोगों पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है जो सरकार के गलत कामों को उजागर करते हैं. सरकार हिंदू और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है. यह सब असली मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है.’
रॉबर्ट वाड्रा ने लैंड डील केस को बदले की कार्रवाई करार दिया है. वह मंगलवार को ईडी के समन पर पैदल ही चलकर जांच एजेंसी के दफ्तर पहुंच गए थे. वहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘यह सियासी प्रतिशोध है. मैंने हर सवाल का जवाब दिया है. जब भी कांग्रेस मजबूत होती है, सरकार हमें निशाना बनाती है.’
‘कानून से ऊपर नहीं गांधी परिवार’
बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि गांधी परिवार कानून से ऊपर नहीं है. पार्टी का कहना है कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है, न कि राजनीति से प्रेरित
कांग्रेस के प्रदर्शन और ED की कार्रवाई से सियासी तापमान बढ़ गया है. यह देखना बाकी है कि क्या यह मामला गांधी परिवार और वाड्रा के लिए नई मुश्किलें खड़ी करेगा, या कांग्रेस इसे सियासी हथियार बनाकर सरकार पर हमला बोलेगी.
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