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वर्मी कंपोस्ट बनाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गर्मी के मौसम में जिस तरह टेंपरेचर बढ़ता है उसके हिसाब से हमें विशेषज्ञ द्वारा बताई गई बातों का जरूर पालन करना चाहिए. सबसे पहले तो यदि खुले आसमान में ग…और पढ़ें

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पिट

पिट विधि द्वारा तैयार वर्मी कंपोस्ट 

हाइलाइट्स

  • वर्मी कंपोस्ट गर्मी में छाया में तैयार करें.
  • हिप विधि वर्मी कंपोस्ट के लिए बेहतर है.
  • डायरेक्ट सनलाइट से केंचुए मर सकते हैं.

गर्मी का मौसम तेजी से शुरू हो गया है और ऐसे तपते मौसम में सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि पशु पक्षी और अन्य जीव भी प्रभावित होते हैं. ऐसे में किसान का मित्र कहा जाने वाला केंचुआ भी प्रभावित होता है. केंचुए का महत्व वर्मी कंपोस्ट बनाने में किया जाता है. केंचुए के बिना वर्मी कंपोस्ट बनाना मुश्किल है. ऐसे में आज हम बात करेंगे कि आखिर गर्मी के मौसम में किस तरह से वर्मी कंपोस्ट को तैयार किया जाए, जिससे केंचुए की कमी ना हो और वर्मी कंपोस्ट बनाते समय हमें किन चीजों का प्रयोग करना चाहिए और कौन सी विधि गर्मी के मौसम के लिए वर्मी कंपोस्ट बनाने में बेहतर मानी जाती है. आइए जानते हैं इस पर विशेषज्ञ की राय…

इन तरीकों से बनाएं वर्मी कंपोस्ट 

के.एन.आई.पी.एस.एस. सुल्तानपुर में एग्रोनॉमी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुशील कुमार श्रीवास्तव ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि वर्मी कंपोस्ट बनाने की दो विधियां हैं. एक ही पिट विधि और दूसरी है हिप विधि. भारत में हिप विधि वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन के लिए अच्छी मानी जाती है. इस विधि में वर्मी कंपोस्ट के खेत को चौड़ाई के मुकाबले लंबाई अधिक रखी जाती है. सबसे खास बात क्या है कि इन दोनों विधियों को गर्मी सर्दी और बरसात तीनों मौसम में हम प्रयोग कर सकते हैं.

बढ़ते तापमान से इस तरह करें बचाव 

वर्मी कंपोस्ट बनाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गर्मी के मौसम में जिस तरह टेंपरेचर बढ़ता है उसके हिसाब से हमें विशेषज्ञ द्वारा बताई गई बातों का जरूर पालन करना चाहिए. सबसे पहले तो यदि खुले आसमान में गर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है, तो गर्मी के मौसम में सूर्य की रोशनी सीधा वर्मी कंपोस्ट पर ना पड़े. इसके लिए हमें एक ऐसे स्थल का चुनाव करना चाहिए जिसके ऊपर पेड़ की छाया रहे या फिर हम कोई सेट के नीचे वर्मी कंपोस्ट को बनाएं.

केंचुए को नहीं पसंद होती यह चीज 

डॉ सुशील कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सूरज की सीधी रोशनी केंचुए को नहीं पसंद होती है, क्योंकि डायरेक्ट सनलाइट पड़ने से केंचुआ की स्किन में कई तरह के रोग पैदा हो जाते हैं, जिससे केंचुए मर जाते हैं. ऐसे में हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वर्मी कंपोस्ट के ऊपर डायरेक्ट रोशनी ना पड़े, क्योंकि सूर्य की रोशनी में निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें केंचुए को मारने का काम करती हैं.

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