उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित ग्राम रनिहवां में 52 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा स्थापित की गई है. यह प्रतिमा आस्था का केंद्र बन गई है और पूर्वांचल की सबसे ऊंची हनुमान मूर्ति मानी जा रही है.
52 फीट ऊंचे हनुमान जी के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
मूर्ति निर्माण की प्रेरणा
यह प्रतिमा ग्राम रनिहवां निवासी संजय तिवारी की वर्षों पहले की गई प्रेरणा से स्थापित हुई. संजय तिवारी का कहना है कि उन्हें स्वयं बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था, जिसके बाद उन्होंने इस विशाल प्रतिमा के निर्माण का संकल्प लिया. उनके परिवार का इतिहास भी धार्मिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ है, यह प्रतिमा उसी मंदिर परिसर में स्थापित की गई है, जिसे उनके पिता सुरेश तिवारी ने बनवाया था.
भव्य प्राण-प्रतिष्ठा
मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा विधिवत वैदिक मंत्रोच्चारण और पूजा-अर्चना के साथ सम्पन्न हुई. इस मौके पर क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे. प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आ रहे हैं और हनुमान चालीसा, आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन भी नियमित रूप से किया जा रहा है.
पूर्वांचल की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा
यह प्रतिमा पूर्वांचल क्षेत्र की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा मानी जा रही है, जिससे यह स्थल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशिष्ट और ऐतिहासिक बन गया है.
श्रद्धालुओं की आस्था
स्थानीय लोग और श्रद्धालु इस प्रतिमा को चमत्कारिक मानते हैं. अनीता देवी, जो पास के गांव बहादुरपुर से दर्शन करने आई थीं, कहती हैं, “ऐसी मूर्ति हमने सिर्फ टीवी में देखी थी, अब अपने गांव के पास देख कर मन गदगद हो गया.” राजेश यादव और सीता राम चौधरी जैसे श्रद्धालुओं ने भी अपनी भावनाओं को व्यक्त किया, जो इस प्रतिमा के दर्शन से काफी प्रभावित हुए हैं.
आस्था, संस्कृति और प्रेरणा का प्रतीक
यह प्रतिमा न केवल धार्मिक प्रतीक बन चुकी है, बल्कि यह ग्राम रनिहवां के लोगों के लिए आस्था, संस्कृति और प्रेरणा का स्रोत भी बन गई है. भविष्य में यह स्थल देवरिया और पूरे पूर्वांचल के धार्मिक मानचित्र पर प्रमुख स्थान बना सकता है.
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