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UP News: जयपुर 2008 आतंकी हमले में कोर्ट ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तीन आरोपी आजमगढ़ के हैं और एक भदोही का. सैफुर्रहमान के पिता ने हाई कोर्ट में अपील की योजना बनाई है.

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सैफुर्रहमान

सैफुर्रहमान के पिता

हाइलाइट्स

  • जयपुर 2008 आतंकी हमले में चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा मिली.
  • सैफुर्रहमान के पिता हाई कोर्ट में अपील करेंगे.
  • सैफुर्रहमान ने जेल में रहते हुए बी.ए और एम.ए की डिग्री हासिल की.

आज़मगढ़. साल 2008 में राजस्थान के जयपुर में एक आतंकी हमला हुआ था. जिसमें हुए बम धमाके में कई मासूमों ने अपनी जान गंवाई थी.अब इस मामले में कोर्ट का फैसला आया है, जिसमें विशेष न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने 4 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुन दी है. इन चार दोषियों में से तीन मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ आजमगढ़ से है. जबकि शाहबाज अहमद जिला भदोही का रहने वाला है.

चार भाइयों में दो साइंटिस्ट, एक कॉन्ट्रैक्टर

अब आजीवन कारावास की सजा काट रहे सैफुर्रहमान के पिता डॉ अब्दुल रहमान अंसारी शिबली कॉलेज आजमगढ़ में जियोलॉजी के लेक्चरर (रिटायर्ड) रहे हैं. वहीं चार भाइयों में सैफुर्रहमान सबसे छोटा लड़का है. सबसे बड़ा भाई हैदराबाद में सीनियर साइंटिस्ट है. उससे छोटा भाई सऊदी अरब में स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल में सीनियर साइंटिस्ट है, जबकि तीसरे नंबर का भाई मुंबई में फायर कॉन्ट्रैक्टर है. पिता डॉक्टर अब्दुल रहमान अंसारी बताते हैं कि सैफुर्रहमान आजमगढ़ के प्रतिष्ठित ज्योति निकेतन स्कूल का टॉपर रहा करता था, वहीं गुजरात के अहमदाबाद जेल में रहते हुए सैफुर्रहमान ने बी.ए गुड सेकेंड क्लास में पास किया. इसके साथ ही जेल से ही उसने इंग्लिश एम.ए की डिग्री भी इंदिरा गाँधी ओपन यूनिवर्सिटी से हासिल की है.

किताबें पढ़ने था का शौक

पिता डॉ. रहमान का कहना है कि सैफुर्रहमान बहुत जहीन आदमी है, उसे किताबें पढ़ने का शौक था, इसके अलावा उसके पास किसी बड़े मौलाना के जितना स्लामिक तालीम भी हासिल है. उनका कहना है कि उसे किसी गैर ने नहीं बल्कि अपनों ने ही किसी ईर्ष्या के चलते फंसाया है. उन्होंने कहा कि वह निचली अदालत के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे. इस केस में कोई दम नहीं है. वहीं सैफुर्रहमान की मां सुल्ताना बेगम का स्वास्थ भी सही नहीं है. वह बेटे की गिरफ्तारी के बाद से ही कमर की हड्डी टूटने के कारण बिस्तर पर पड़ी है और तब से खुद से उठ नहीं पाई है.

आजमगढ़ के अन्य दो आरोपियों पर हैं कई मुकदमे दर्ज

इस केस में दूसरा दोषी सरवर आजमी आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के चांदपट्टी का रहने वाला है. उसके ऊपर डेढ़ दर्जन के करीब मुकदमे दर्ज हैं, उसका नाम भी जयपुर और अहमदाबाद ब्लास्ट में सामने आया था, कोर्ट के फैसले से दो माह पूर्व जमानत मिलने पर घर आया था. वहीं तीसरा दोषी जिले के सरायमीर थाना क्षेत्र के संजरपुर का निवासी है. उसका नाम भी जयपुर और अहमदाबाद में हुए बम धमाकों में आया. और दोषी पाया गया .वहीं सैफ के पिता शादाब उर्फ मिस्टर के दोस्त मसीउद्दीन ने बताया कि जयपुर कोर्ट में कुल नौ मुकदमे चल रहे थे, जिसमें से आठ में वह बरी हो चुका है. एक मुकदमे में निचली कोर्ट से सजा होने के बाद उसे ऊपर की कोर्ट में पेश किया गया, जिसमें सुनवाई के बाद यह सजा दी गई है. वह हाईकोर्ट में अपील करेंगे.

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