Noida News: शहर-शहर जाम की समस्या भारत में बेहद आम हो गई है. अब सोशल मीडिया पर नोएडा की सड़कों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पर बहस छिड़ गई है.
हाइलाइट्स
- नोएडा की सड़कों का वीडियो वायरल हुआ.
- सोशल मीडिया पर ट्रैफिक जाम पर बहस छिड़ी.
नोएडा. शहर-शहर जाम की समस्या भारत में बेहद आम हो गई है. दिल्ली, लखनऊ, नोएडा, पटना, रांची आप कहीं भी जाइए घंटों जाम में गाड़ियां फंसी रहती है. पुराने शहर दिल्ली, लखनऊ में जाम की समस्या तो आम है ही लेकिन ऐसे शहरों में भी जाम देखने को मिलता है, जिसे आधुनिक माना जाता है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई हिस्सों में भी लोग जाम की समस्या से जूझते रहे हैं. जाम के कारण ग्रेटर नोएडा वेस्ट हो या नोएडा के फिल्म सिटी का इलाका लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अब सोशल मीडिया पर नोएडा की सड़कों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पर बहस छिड़ गई है. आइए बताते हैं पूरा मामला…
टाइमलैप्स वीडियो वायरल
दरअसल, एक Reddit यूजर ने अपनी बालकनी से टाइमलैप्स वीडियो पोस्ट किया है. इसमें सड़कों पर रोजाना होने वाली अव्यवस्था को दिखाया गया है. 37 सेकंड की क्लिप में, नोएडा की सड़कों पर रेंगते हुए वाहन दिखाई दे रहे हैं. खासकर बीच लेन में. हालांकि, यह एक आम दिन है, लेकिन जाम आम बात नहीं है. कारें एक-दूसरे से टकराती हुई आगे बढ़ रही हैं, जो शहर में हर दिन होने वाली परेशानियों की एक तस्वीर दिखा रही है.
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बेंगलुरु से की तुलना
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. जहां कुछ यूजर्स ने जाम पर निराशा व्यक्त की है, तो वहीं कुछ ने अन्य शहरों के जाम से तुलना कर दी. एक यूजर ने कहा कि भाई यह बहुत सही है, मेरा विश्वास करो- दिल्ली एनसीआर में पीक ऑवर नाम की एक चीज होती है! बेंगलुरु आओ कभी, हर वक्त सिर पटक पटककर रोना पड़ेगा!
watch as traffic in Noida becomes unbearable!
byu/absolutepretty innoida
एक अन्य यूजर ने बेंगलुरु के ट्रैफिक पर कटाक्ष कर सबकों हंसा दिया. वहीं एक सोशल मीडिया यूजर ने कहा कि इस बालकनी के साथ ध्वनि प्रदूषण मुक्त आना चाहिए.
हालांकि, मजाक से हटकर देखा जाए तो इस वीडियो ने शहर के बुनियादी ढांचे पर सवाल खड़ा कर दिया है. एक शख्स ने लिखा कि इससे साबित होता है कि अधिक सड़कें बनाना ट्रैफिक को खत्म करने का तरीका नहीं है. इसका एकमात्र तरीका सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और यात्रा में निवेश करना है. बेहतर बस सेवाएं, बेहतर लोकल ट्रेनें- उन्हें सुरक्षित बनाएं.
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