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अलीगढ़: उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ जिला, जो तालों के शहर के नाम से जाना जाता है, अब शिक्षा के क्षेत्र में भी नंबर एक बनने की ओर बढ़ रहा है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में जहां दुनिया भर से लोग शिक्षा प्राप्त करने आते हैं, वहीं अलीगढ़ के बने ताले भी दुनियाभर में सुरक्षा के लिए उपयोग किए जाते हैं. अलीगढ़ में लगभग 2000 ताले बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं. शिक्षा की बात करें तो यहां सिर्फ एक नहीं, बल्कि तीन विश्वविद्यालय हैं. इनमें से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जबकि दो अन्य राजकीय विश्वविद्यालय हैं. जिले में निजी महाविद्यालयों की संख्या भी सैकड़ों में है, और यहां यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड से संबंधित स्कूलों की भी कोई कमी नहीं है.

शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती सुविधाएं
यहां एमबीए, इंजीनियरिंग से लेकर आईटीआई संस्थाएं भी तेजी से स्थापित हो रही हैं. अलीगढ़ के जानकार और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीर जादा ने बताया कि सर सैयद अहमद खान द्वारा शुरू की गई तालीम की रौशनी आज पूरी दुनिया में फैल चुकी है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में देश-विदेश के छात्र शिक्षा ले रहे हैं. वहीं, शिक्षा के विस्तार की बात करें तो सरकारी और निजी शैक्षिक संस्थानों और कोचिंग सेंटरों में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण अब अलीगढ़ ताले की नगरी से ज्यादा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है.

दो अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय का अनूठा उदाहरण
उमर पीर जादा ने यह भी बताया कि यह बहुत ही कम देखने को मिलता है कि एक ही शहर में दो अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय हों, लेकिन अलीगढ़ में एक ऐतिहासिक केंद्रीय विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, और दूसरा मंगलायतन विश्वविद्यालय स्थित है. एएमयू संस्थापक सर सैयद अहमद खान के तालीमी मिशन के कारण ही अलीगढ़ शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है. सर सैयद ने 1875 में सात बच्चों के साथ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की नींव रखी थी. इसके बाद अलीगढ़ में एक-दो नहीं, बल्कि तीन विश्वविद्यालय, सैकड़ों स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर और अन्य संस्थान खुल चुके हैं.

एजुकेशन हब बनता अलीगढ़
उन्होंनें कहा कि अलीगढ़ शिक्षा के लिए एक बेहतरीन शहर साबित हो रहा है. यहां देश-विदेश के छात्र शिक्षा ले रहे हैं. छोटा शहर होने के कारण पढ़ाई, खाना और रहने का खर्च भी कम है. कनेक्टिविटी की बात करें तो अलीगढ़, लखनऊ और दिल्ली से डायरेक्ट जुड़ा हुआ है. यहां जेवर एयरपोर्ट भी बनने जा रहा है, जिससे अलीगढ़ शिक्षा के लिए एक बेहतरीन केंद्र बन जाएगा.

एएमयू के छात्रों का योगदान
उमर पीर जादा ने यह भी बताया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले कई लोगों ने देश और दुनिया में नाम रोशन किया है. पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान, भारत सरकार में पूर्व मानव संसाधन राज्य मंत्री अली अशरफ फातमी, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा, भारत के उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बहारूल इस्लाम, जस्टिस सैयद मुर्तजा फजल अली, जस्टिस एस सगीर अहमद, जस्टिस आरपी सेठी जैसे कई प्रतिष्ठित लोग एएमयू से शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं. इसके अलावा, हाईकोर्ट के 47 जज भी एएमयू के छात्र रहे हैं.

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