Politics on Waqf Bill in Bihar: वक्फ संशोधन बिल पर जेडीयू के समर्थन के बाद बिहार की सियासत गर्माई हुई है.इस बीच जेडीयू की डैमेज कंट्रोल करने के लिए बुलाई गई मुस्लिम नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम नेता स…और पढ़ें
वक्फ बिल को लेकर मुस्लिम नेताओं की प्रेस वार्ता.
हाइलाइट्स
- वक्फ बिल को लेकर जेडीयू के समर्थन से बिहार की सियासत गर्माई.
- प्रेस वार्ता में जेडीयू के मुस्लिम नेता मीडिया के सवालों से बचते दिखे.
- जेडीयू के कई मुस्लिम पदाधिकारियों ने पार्टी के पदों से इस्तीफा दिया.
पटना. वक्फ संशोधन बिल पर जेडीयू के समर्थन के स्टैंड के बाद देश की सियासत के साथ साथ बिहार की सियासत भी गर्मा गई है. वहीं, जेडीयू के लिए तब असहज हालत हो गए जब जेडीयू के कुछ मुस्लिम पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया. इसके बाद से ही जेडीयू में बेचैनी बढ़ गई थी. पार्टी से मुस्लिम पदाधिकारियों के इस्तीफे के बाद हो रही फजीहत ने पार्टी को परेशान कर रखा था और इसी परेशानी को देखते हुए जेडीयू ने रणनीति बनाई कि जेडीयू के तमाम मुस्लिम नेता प्रेस वार्ता कर जेडीयू के स्टैंड को पूरी मजबूती से रखेंगे, लेकिन इसी प्रेस वार्ता में खेल हो गया.
दरअसल, वक़्फ़ संशोधन बिल को लेकर हो रहे लगातार जनता दल यू की फजीहत के बाद बुलाए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेडीयू की तरफ से अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशरफ अंसारी ने पार्टी के स्टैंड को रखा और पांच बिंदु भी बताए जो सुझाव जेडीयू ने केंद्र की सरकार को वक़्फ़ संशोधन एक्ट को लेकर दिया था. इसे केंद्र की सरकर ने मान लिया था और इसे बता कर वो नीतीश कुमार के स्टैंड को सही ठहरा रहे थे. इसके बाद जेडीयू की प्रवक्ता अंजुम आरा ने भी नीतीश कुमार के मुस्लिम समाज के लिए किए गए कार्यों को बताया और ये बताने की कोशिश की कि जब तक नीतीश कुमार हैं, मुस्लिम समाज का कोई अहित नहीं कर पाएगा.
यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन इसके बाद जब पत्रकारों ने प्रेस वार्ता में मौजूद मुस्लिम नेताओं से सवाल जवाब शुरू किया तो जैसे इन नेताओं को सांप सूंघ गया और बिना कुछ बोले एक एक करके तमाम मुस्लिम नेता प्रेस वार्ता से निकल गए. यह वाकया देख मीडिया के लोग भी हैरान रह गए.काफ़ी देर तक मुस्लिम नेता एक बंद कमरे में बैठे रहे और जब निकले तो मीडियाकर्मी भी उनका इंतजार कर रहे थे. जैसे ही मीडिया ने इन नेताओं से सवाल शुरू किया अधिकांश नेता बोलने से कतराते दिखे. लेकिन,जो बोले वो भी सफ़ाई की मुद्रा मे ही दिखे. बिहार विधान परिषद के सदस्य खालिद अनवर ने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है. हमलोगों ने जो कहा था उसे पूरा किया गया है, लेकिन फिर भी इस बिल को पूरी तरह से जब कानून बन जाएगा तो हम लोग देखेंगे कि किस तरीके से यह बिल मुसलमानों के हक में है और उसके बाद बात की जाएगी.
वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह जब बाहर निकले उनसे जब पत्रकारों ने पूछना शुरू किया तो वे सवालों से बचते दिखे. हालांकि, उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से बड़ा अल्पसंख्यक का हितैषी कोई नहीं हो सकता, लेकिन जब उनसे बिल के बारे में पूछा गया तो कह रहे हैं कि मैं पढ़ूंगा तब बताऊंगा. उन्होंने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है और अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए. वहीं, जेडीयू की पूर्व सांसद कहकशां परवीन ने कहा मुझे कुछ नहीं बोलना है, जो बाते बोलनी थीं प्रेस वार्ता मे बोल दी गयी हैं.
वहीं, जेडीयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशरफ अंसारी ने इस बात का खंडन किया कि जिन मुस्लिम नेताओ और पदाधिकारियों के बारे में ये दावा किया जा रहा है कि उन्होंने वक़्फ़ पर पार्टी के स्टैंड को लेकर इस्तीफ़ा दे दिया है वो पार्टी संगठन कें किसी भी पद पर नहीं हैं. लेकिन मीडिया में इस बात की चर्चा होती रही कि आख़िरकार जेडीयू के मुस्लिम नेता खुल कर नीतीश कुमार के स्टैंड पर बोलने से बचते क्यों दिखे.
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