YRKKH 4 April Written Update 2025 : एपिसोड में रूही को अहसास होता है कि उसका सच्चा प्यार रोहित है, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. अभिरा अरमान को बचाने की कोशिश करती है, पर उसकी हालत भी बिगड़ती है. रोहित …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- रोहित की आत्मा अरमान से मिलकर विदा लेती है.
- अरमान होश में आता है, परिवार गहरे दुख में डूब जाता है.
- रोहित की मौत से पोद्दार परिवार में मातम छा जाता है.
नई दिल्ली : कल के एपिसोड की शुरुआत कावेरी के एक गंभीर सवाल से होती है. वो रूही और अभिरा से पूछती है – क्या वे सच में इस बच्चे को इस दुनिया में लाने के लिए तैयार हैं? ये सवाल उन्हें सोचने पर मजबूर कर देता है. अभिरा, रूही को सलाह देती है कि वो रोहित से मिले, शायद उससे मिलने पर उसे अपने दिल की सच्चाई समझ में आ जाए. वे दोनों अस्पताल जाते हैं. जैसे ही रूही बेहोश पड़े रोहित को देखती है, उसके भीतर एक भावनाओं का तूफान उठता है. वो समझती है कि वो अरमान में उलझी रही, लेकिन असली प्यार तो रोहित से था. वो रोहित को पुकारती है, और फिर रोहित अचानक से थोड़ा हिलने लगता है. ये देखकर रूही के चेहरे पर उम्मीद की रौशनी चमक उठती है.
रोहित की प्रतिक्रिया से हिम्मत पाकर, अभिरा अब अरमान से मिलने का फैसला करती है. डॉक्टर उसे बताते हैं कि उसके पास ज्यादा समय नहीं है, उसे जल्दी अरमान से मिलकर अपनी बात कहनी होगी. अभिरा अरमान से कहती है कि वो हार न माने, लेकिन तभी उसकी तबियत अचानक बिगड़ जाती है. डॉक्टर उसे कमरे से बाहर भेज देते हैं.
डर और उम्मीद – दोनों के लिए मुश्किल वक्त
बाहर, रूही और अभिरा दोनों चिंता में डूबी होती हैं. डॉक्टर बताते हैं कि न तो अरमान की हालत सुधर रही है और न ही रोहित की. पूरा परिवार सबसे बुरे के लिए तैयार हो रहा होता है. रोहित की आत्मा अरमान के सामने प्रकट होती है. अरमान उसे देखकर हैरान रह जाता है और पूछता है – “क्या तुम सच में जा रहे हो?” वो रोहित से कहता है कि वो हिम्मत न हारे, परिवार के लिए लड़े. लेकिन रोहित शांत रहता है और कहता है कि अब उसका समय पूरा हो चुका है.
अरमान रोहित से विनती करता है कि वो विद्या, कावेरी और पूरे परिवार को इस दुख से नहीं गुजरने दे सकता. रोहित उसे समझाता है कि वो हमेशा उनकी यादों में जिंदा रहेगा. फिर वो अरमान से रूही और बच्चों की देखभाल करने का वादा लेने के बाद, उसे आखिरी बार गले लगाता है. ये पल बेहद भावुक होता है – दोनों भाइयों की आत्मा से जुड़ी विदाई.
उम्मीद और हकीकत – एक साथ
अरमान अचानक आंखें खोलता है. अभिरा खुशी से चिल्ला उठती है – ‘वो जाग गया!’उसके चेहरे पर फिर से उम्मीद लौट आती है – अगर अरमान जाग गया, तो शायद रोहित भी जाग जाए. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. रोहित अपनी आखिरी सांस लेता है. विद्या टूट जाती है, और पूरा पोद्दार परिवार नम रह जाता है. सबकी आंखों के सामने अब सच है: रोहित अब नहीं रहा.
उसे रोहित की बातें याद आती हैं – उनके वादे, उनकी हंसी, वो ट्रिप जो बच्चे के जन्म के बाद करनी थी. वो ये मानने से इनकार करती है कि रोहित वादा तोड़ सकता है. अभिरा और अभीर चुपचाप उसके साथ खड़े रहते हैं – उसका दुःख बांटते हुए.
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