UP Police Constable Recruitment: यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के फिजिकल टेस्ट से एक चौंकाने वाला मामला सामने आ रहा है. मेरठ में यूपी पुलिस फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए गए एक उम्मीदवार से डॉक्टर ने रिश्वत मांगी. अभ्यर्थी की शिकायत के बाद डॉक्टर…और पढ़ें
- मेरठ में यूपी पुलिस भर्ती के दौरान रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है
- डॉक्टर पर भर्ती के लिए 50,000 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगा है
- पुलिस ने डॉक्टर और उसके ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है
नई दिल्ली (UP Police Constable Recruitment). यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थी इन दिनों शारीरिक मानक परीक्षण और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए विभिन्न केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. यूपी पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड कांस्टेबल भर्ती में पारदर्शिता रखने के लिए इस प्रक्रिया की हर छोटी-बड़ी डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर कर रहा है. हाल ही में मेरठ में एक अभ्यर्थी को पास करने के लिए 50 हजार रुपये की घूस मांगने का गंभीर मामला सामने आया है.
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के अगले राउंड यानी शारीरिक परीक्षण के दौरान एक डॉक्टर ने किसी अभ्यर्थी को पास करने के लिए रिश्वत की मांग रखी (UP Police Physical Test/ DVPST). इस डॉक्टर और उसके ड्राइवर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. यूपी पुलिस ने शारीरिक मानक परीक्षण और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए नियुक्त किए गए चिकित्सक और उसके कार चालक के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी है (UP Police Constable Bharti).
सरकारी नौकरी के लिए मांगी घूस
यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में पास अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जा रहा है. इसके लिए विभिन्न जिलों में केंद्र बनाए गए हैं. मेरठ में 11 जनवरी को अभ्यर्थियों को फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया गया था. आरोप है कि DVPST बोर्ड में नियुक्त एक चिकित्सा अधिकारी ने सफल अभ्यर्थी को सीने की माप में कम फुलाव का भ्रम बनाकर 50 हजार रुपये फिट घोषित करने के नाम पर घूस मांगी. इसके लिए उसने अपने ड्राइवर को भेजा था.
आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती -2023
DVPST केंद्र जनपद मेरठ में दिनांक 11 जनवरी 2025 को DVPST बोर्ड में नियुक्त एक चिकित्सा अधिकारी द्वारा सफल अभ्यर्थी को सीने की माप में कम फ़ुलाव का भ्रम पैदा कर अपने चालक के माध्यम से ₹50,000 रुपए फिट घोषित करने के नाम पर घूस मांगी गई…— Uttar Pradesh Police Recruitment & Promotion Board (@upprpb) January 12, 2025
शिकायत पर तुरंत लिया एक्शन
अभ्यर्थी के पिता ने चिकित्सा अधिकारी और उसके कार ड्राइवर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने शिकायत पर तथ्यों की तुरंत जांच भी शुरू कर दी. जांच में आरोप सही पाए जाने पर वहां तैनात डॉक्टर और उसके ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड ने भी मामले को संज्ञान में लिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर भी इसकी जानकारी दी है. भर्ती बोर्ड ने सभी डॉक्टरों को इस तरह की घटना से दूर रहने की सलाह दी है.
यूपी पुलिस फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया 3 फरवरी 2025 तक चलेगी.
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